ANI: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक मामले में तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया. यह फैसला केजरीवाल की पिछली न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद लिया गया है, जो पहले आज समाप्त होने वाली थी.
इससे पहले 18 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उन्होंने जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने वकीलों से दो अतिरिक्त कानूनी मुलाकात की मांग की थी. उनकी याचिका का जेल अधिकारियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकीलों ने विरोध किया था.
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपने फैसले को रिजर्व रखा, जिसमें उन्होंने जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने वकीलों के साथ दो अतिरिक्त कानूनी मुलाकातों की मांग की थी.
केजरीवाल की इस याचिका का जेल अधिकारियों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकीलों ने विरोध किया. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा. अरविंद केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता पेश हुए.
जेल अधिकारियों ने याचिका पर पहले ही जवाब दाखिल कर दिया है. उन्होंने कहा कि जेल नियम अतिरिक्त मुलाकातों की अनुमति नहीं देता है. बैठक के प्रारूप को भौतिक से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश हुए अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने कहा कि आवेदन विचारणीय नहीं है, क्योंकि यह निष्फल हो गया है, क्योंकि आरोपी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद अब ईडी की हिरासत में नहीं है. हालांकि, केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी के वकील ने यह भी कहा कि जेल में सभी आरोपियों के साथ समान व्यवहार किया जाता है. सभी को केवल दो कानूनी मुलाकातें दी गई हैं.