गुवाहाटी: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ असम स्थित एक एनजीओ के पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता ने मानहानि का मामला दायर किया है. एनजीओ के पदाधिकारी ने दावा किया है कि गोगोई की आत्मकथा में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) के संदर्भ में कुछ आपत्तिजनक बातें कही गई हैं.
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता अभिजीत शर्मा ने कामरूप (मेट्रो) जिले और गुवाहाटी में सिविल जज कोर्ट में गोगोई के खिलाफ एक करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा दायर किया है. उन्होंने पूर्व सीजेआई की आत्मकथा 'जस्टिस फॉर द जज' पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की.
एनजीओ असम पब्लिक वर्क्स के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा राज्य में एनआरसी से संबंधित विभिन्न मामलों में मुखर रहे हैं. उन्होंने पहले असम में 1951 के एनआरसी को अद्यतन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी और उस मामले के लंबित रहने के दौरान, शीर्ष अदालत की निगरानी में 2015 में असम में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
अभिजीत शर्मा ने अदालत में अपनी याचिका में उल्लेख किया कि सेवानिवृत्ति के बाद, पूर्व सीजेआई ने एनआरसी के समन्वयक रहे प्रतीक हजेला को पद से हटाने और उन्हें मध्य प्रदेश में स्थानांतरित करने के संबंध में कुछ बातें लिखीं, जो मानहानिकारक प्रकृति की हैं.
फिलहाल मामले की अगली सुनवाई तीन जून को होगी.