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राजनीति में अनावश्यक टिप्पणियों के लिए तैयार रहना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले शीर्ष अदालत ने सितंबर 2023 में मुरुगन के खिलाफ चेन्नई की एक विशेष अदालत में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और उनकी याचिका पर मुरासोली ट्रस्ट से जवाब तलब किया था.

केन्द्रीय मंत्री एल मुरूगन और सुप्रीम कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : December 5, 2024 12:53 AM IST

बीते कल यानि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन की मानहानि की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि व्यक्ति को राजनीति में प्रवेश करने पर सभी तरह की अवांछित और अनावश्यक टिप्पणियों के लिए तैयार रहना चाहिए. मुरुगन ने मुरासोली ट्रस्ट द्वारा साल 2020 में दायर आपराधिक मानहानि मामले के संबंध में मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. न्यायालय ने अगली सुनवाई 5 दिसंबर, 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष केन्द्रीय मंत्री मुरूगन की मानहानि मुकदमे को खारिज करने की मांग की. यह मुकदमा मुरूगन के सार्वजनिक सभा में दिए बयान के आधार पर एक ट्रस्ट ने मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है.

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पीठ ने केन्द्रीय मंत्री से पूछा,

‘‘क्या आप यह बयान देने को तैयार हैं कि आपकी मानहानि करने की कोई मंशा नहीं थी?’’

ट्रस्ट की ओर से पेश वकील ने कहा कि पद पर आसीन व्यक्ति को जवाबदेह होना चाहिए.

पीठ ने कहा,

‘‘जब ​​आप राजनीति में प्रवेश करते हैं, तो आपको सभी प्रकार की अवांछित, अनावश्यक टिप्पणी के लिए तैयार रहना चाहिए.’’

ट्रस्ट की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे राजनीति में शामिल नहीं हैं. पीठ ने ट्रस्ट के वकील से कहा कि वह (याचिकाकर्ता) यह बयान दे रहे हैं कि उनका इरादा आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था. प्रतिवादी वकील ने निर्देश प्राप्त करने के लिए बृहस्पतिवार तक का समय मांगा है.

जस्टिस गवई ने कहा,

‘‘उन्हें जनता के सामने लड़ाई लड़नी चाहिए. आजकल महाराष्ट्र में कहा जा रहा है कि अगर आपको राजनीति में रहना है तो आपकी चमड़ी गैंडे जैसी मोटी होनी चाहिए.’’

शीर्ष अदालत ने सितंबर 2023 में मुरुगन के खिलाफ चेन्नई की एक विशेष अदालत में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और उनकी याचिका पर मुरासोली ट्रस्ट से जवाब तलब किया था.

क्या है मामला?

मुरुगन द्वारा दिसंबर, 2020 में एक संवाददाता सम्मेलन में कथित मानहानि करने वाले बयानों के खिलाफ चेन्नई स्थित मुरासोली ट्रस्ट ने आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मुरुगन ने मद्रास उच्च न्यायालय के पांच सितंबर, 2023 के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था. शीर्ष अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए सितंबर 2023 में मुरुगन के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.