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कांग्रेस ने चुनाव नियमों में संशोधन के खिलाफ पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कर दी ये मांग

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव नियम, 1961 में किए गए संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें आम नागरिकों कों चुनाव से संबंधित रिकॉर्ड तक पहुंचने के अधिकारों को सीमित किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : December 26, 2024 10:55 AM IST

कांग्रेस ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए निर्वाचन संचालन नियम में बदलाव किए जाने को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. कांग्रेस पार्टी ने चुनाव नियम, 1961 में किए गए संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें आम नागरिकों कों चुनाव से संबंधित रिकॉर्ड तक पहुंचने के अधिकारों को सीमित किया गया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि उन्होंने रिट याचिका दायर के अनुसार, चुनाव आयोग को इलेक्शन से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट की नागरिकों तक पहुंच तक को सीमित करने का अधिकार दिया गया है. बता दें कि हाल ही में केंद्र ने चुनाव नियमों के नियम 93 में संशोधन किया है, जिसके अनुसार चुनाव प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी फुटेज और उम्मीदवारों के वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी आवश्यक जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को सीमित किया गया.

चुनाव नियमों में संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि निर्वाचन संचालन नियम, 1961, में हाल के संशोधनों को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है.

उन्होंने कहा,

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"निवार्चन आयोग एक संवैधानिक निकाय है। इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में इतनी निर्लज्जता से संशोधन करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है."

रमेश ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा तेज़ी से कम हो रही है और उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इसे बहाल करने में मदद करेगा. उन्होंने गत को शनिवार को कहा था कि इस कदम को जल्द ही कानूनी रूप से चुनौती दी जाएगी.

क्या है मामला?

निर्वाचन आयोग (ईसी) की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे जाने वाले ‘कागजात’ या दस्तावेजों के प्रकार को प्रतिबंधित करने के लिए चुनाव संचालन नियमावली, 1961 के नियम 93 में संशोधन किया है. सरकार ने सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव से संबंधित नियम में बदलाव किया है, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके.