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CAA Rules: सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन की वैधता को चुनौती देने के मामले में केन्द्र से मांगा जबाव, 2 अप्रैल तक का दिया है समय, जानिए सुनवाई के दौरान क्या हुआ

मंगलवार (19 मार्च 2024) के दिन सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता (संसोधन) कानून (CAA)को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नियमों पर रोक नहीं लगाने को लेकर केन्द्र से जबाव की मांग की है. केन्द्र को अपने 2 अप्रैल तक अपने जबाव देने को कहा है.

Written by My Lord Team |Published : March 20, 2024 1:52 PM IST

Citizenship Amendment Rules oF 2024 : सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता (संसोधन)  कानून (CAA) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने इन नियमों पर रोक नहीं लगाने को लेकर केन्द्र से जबाव की मांग की है. केन्द्र को 2 अप्रैल, 2024 तक का समय दिया गया है. जबाव के बाद सुप्रीम कोर्ट 9 अप्रैल के दिन इस मामले को पुन: सुनवाई करेगी. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के नियमों को सरकार ने हाल ही में लागू किया है. वहीं, इस कानून को साल 2019 में ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी.

SC ने केन्द्र से मांगा जबाव

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुना. और रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर जबाव देने की मांग की है.

बेंच ने केन्द्र को 5 पन्नों में 2 अप्रैल तक जबाव देने को कहा. वहीं, केन्द्र के जबाव के बाद याचिकाकर्ता को प्रतिक्रिया देने के लिए 8 अप्रैल का वक्त दिया है. दोनों पक्षों के जबाव आने के बाद 9 अप्रैल के दिन सुनवाई करने की मांग की है.

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एडिशनल सॉलीसीटर जनरल एसवी राजू ने जबाव देने के लिए शुरूआत में चार सप्ताह की मांग की. जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने आपत्ति जाहिर की. बेंच ने बीचबचाव कर किया. दोनों पक्षों की ओर जबाव देने के लिए समय नियत की.

क्या है मामला?

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), एक राजनीतिक पार्टी है. IUML ने सुप्रीम कोर्ट में CAA को लागू करने से रोक लगाने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने मुस्लिम समुदाय के साथ होने वाले भेदभाव की बात भी कही है.

Illegal Migrants पर CAA में है प्रावधान

CAA नागरिकता देने का कानून है.यह नागरिकता कानून हिंदूओं, जैन, बौद्ध और ईसाईयों पर लागू होगी. यह कानून दिसंबर, 2014 से पहले या बाद में, पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले लोगों पर लागू होगी. नागरिकता देने के कानून में मुस्लिम समुदाय पर लागू नहीं होगी. मुस्लिम समुदाय को इस कानून से बाहर रखने पर देश भर में आंदोलन हुए.

केन्द्र नियमों की जारी की अधिसूचना

नागरिकता संशोधन कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी पहले ही मिल गई थी. पहली बार, जब सुप्रीम कोर्ट ने IUML की याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र से जबाव तलब की थी. केन्द्र ने जबाव दिया. CAA कानून को लागू करने के लिए नियमों को पूरी तरह से तैयार नहीं किया गया है. इसलिए लागू करने में अभी देरी होगी.

केन्द्र ने सोमवार (11 मार्च, 2024) के दिन नियमों की अधिसूचना जारी की. जिससे यह कानून लागू हुआ. अब IUML द्वारा इन नियमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.