Advertisement

'क्या पोते से मिल पाएंगी अतुल सुभाष की मां', कस्टडी के लिए दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में इस दिन होगी अगली सुनवाई

20 जनवरी के दिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष यानि निकिता सिंघानिया को अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है.

Written by My Lord Team |Published : January 18, 2025 3:35 PM IST

पत्नी के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. 20 जनवरी के दिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष यानि निकिता सिंघानिया को अदालत के समक्ष पेश करने को कहा है. वहीं, पिछली सुनवाई में अदालत ने अतुल सुभाष की मां को कस्टडी देने से इंकार करते हुए कहा था कि बच्चा अपनी दादी के लिए अंजान है. बताते चलें कि अतुल सुभाष की मां ने अपने पोते की कस्टडी की मांग करते हुए याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ अंजू देवी की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने अपने चार वर्षीय पोते की कस्टडी की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeous Corpus) याचिका दायर की है.

पिछली सुनवाई के दौरान, सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया था कि बच्चा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है. वहीं, अंजू देवी का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता कुमार दुष्यंत सिंह ने बच्चे की अभिरक्षा की मांग की थी और आरोप लगाया था कि उनकी अलग रह रही बहू ने बच्चे का पता उनसे छिपा रखा है. उन्होंने तर्क दिया था कि छह वर्ष से कम आयु के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजा जाना चाहिए तथा उन्होंने उन तस्वीरों का हवाला दिया था, जिनमें दिखाया गया था कि जब बच्चा केवल कुछ साल का था, तब याचिकाकर्ता उससे बातचीत कर रही थी.

Also Read

More News

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को अगली सुनवाई पर बच्चे को अदालत में पेश करने का निर्देश देते हुए कहा था कि मामले का फैसला ‘मीडिया ट्रायल’ (मीडिया में हो रही बहस) के आधार पर नहीं किया जा सकता.

बेंगलुरु की एक अदालत ने चार जनवरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सुभाष की अलग रह रही पत्नी, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी. पिछले साल नौ दिसंबर को बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में सुभाष (34) अपने घर में फांसी पर लटके मिले थे. सुभाष ने कथित तौर पर लंबे ‘सुसाइड नोट’ में उन्होंने पत्नी और ससुराल वालों को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराया था.