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Supreme Court ने Chandigarh Mayor Election में रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका को बताया 'लोकतंत्र की हत्या', जानें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने AAP पार्षद की याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर के आचरण पर सवाल उठाया है और इसे 'लोकतंत्र की हत्या' बताया है. जानिए मामला क्या था और सुनवाई के दौरान क्या हुआ...

Written by My Lord Team |Published : February 6, 2024 12:37 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन (Chandigarh Mayor Election) के परिणाम को चुनौती देने वाली AAP पार्षद की याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के समय कोर्ट ने मेयर इलेक्शन में रिर्टनिंग ऑफिसर अनिल मसीह (Returning Officer Anil Masih) की भूमिका पर सवाल उठाया और कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर का आचरण लोकतंत्र की हत्या (mockery of democracy) करने जैसा है. इस पर सख्ती दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

'यह लोकतंत्र का मजाक बनाने, उसकी हत्या करने जैसा है'

मामले की सुनवाई सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की. बेंच ने रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका को 'लोकतंत्र का मजाक बनाने, उसकी हत्या करने' जैसा माना. बेंच ने कहा कि वीडियो में यह साफ पता चल रहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने बैलट पेपर के साथ छेड़छाड़ (Defacing of Ballot Papers) की है और इसके लिए उसपर मुकदमा चलना चाहिए.

Returning Officer पर चलेगा मुकदमा

कोर्ट ने पाया कि सीसीटीवी फुटेज से यह साफ है कि मतपत्रों (बैलैट पेपर्स) को खराब किया जा रहा है और इसलिए अदालत का मानना है कि इस आचरण के लिए रिटर्निंग ऑफिसर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

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सीजेआई (CJI) ने कहा,

"मिस्टर सॉलिसिटर (Solicitor), ये आचरण लोकतंत्र का मजाक बनाने जैसा है और लोकतंत्र की हत्या है. आप बताएं वह बार-बार कैमरे की ओर क्यों देख रहा है?"

सुनवाई में आगे कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह (Anil Masih) को नोटिस जारी कर आदेश दिया कि नगर निगम चुनाव से जुड़े सभी रिकार्ड को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा किया जाए. साथ ही अनिल मसीह को इस आचरण के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. उन्हें अगली तारीख, 19 फरवरी 2024 को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम से जुड़ी सभी गतिविधि पर रोक लगाया है.

क्या है पूरा मामला?

आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद कुलदीप कुमार (Kuldeep Kumar) की याचिका दायर की, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चुनाव परिणाम पर तत्काल रोक लगाने से इनकार के फैसले को चुनौती दी थी. चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार को चंडीगढ़ के नये मेयर के रूप में घोषित किया गया था.

Returning Officer ने क्या किया?

30 जनवरी, 2024 के दिन, चंडीगढ़ नगर निगम का रिजल्ट निकला. रिजल्ट में Congress-AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट मिलें, वहीं BJP के मनोज कुमार को 16 वोट मिले, इस आधार पर BJP प्रत्याशी को विजेता घोषित किया. इस पर AAP-कांग्रेस गठबंधन ने आपत्ति जताते हुए ये कहा कि उनके पास 20 सदस्यों के मतों साथ सदन में बहुमत था. उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे मत कम कैसे गए.

रिटर्निंग ऑफिसर ने वोटों की गिनती के समय आठ वोटों को अवैध घोषित किए, जो Congress-AAP के गठबंधन से चुने उम्मीदवार का था. AAP पार्षद कुलदीप कुमार ने इस फैसले को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते कर मामले को तीन सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध कर लिया. हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर AAP पार्षद ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की.