Abhijit Gangopadhyay: कलकत्ता हाईकोर्ट ने अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ हुए FIR मामले में अंतरिम राहत दी है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ जांच पर रोक लगाते हुए अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत का जिक्र किया. अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव पांच साल में एक होते हैं और प्रत्याशी भी 'तमलुक' से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इन्हें राहत दिया जा सकता है.
बता दें कि पूर्व जज और बीजेपी नेता अभिजीत गंगोपाध्याय के खिलाफ ने एक महिला शिक्षक ने हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला ने आरोप लगाया कि वे कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा शिक्षकों की नौकरी रद्द करने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी. इसी दौरान अभिजीत गंगोपाध्याय भी अपना नामांकन कराने आए थे और इसी दौरान ये घटना घटित हुई.
अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने खिलाफ हुए FIR को चुनौती दी थी जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस जस सेनगुप्ता ने व्यक्तिगत कारणों से सुनने से इंकार करने के बाद इस मामले को दूसरे बेंच के पास भेजने की गुजारिश की थी. उसके बाद ये मामला जस्टिस तीर्थंकर घोष की अगुवाई वाली सिंगल-जज बेंच के पास ले जाया गया.
कलकत्ता हाईकोर्ट में, जस्टिस तीर्थंकर घोष की बेंच ने बीजेपी नेता अभिजीत गंगोपाध्याय की याचिका को सुना. बेंच ने केजरीवाल केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र किया. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम राहत दी है.
बेंच ने कहा,
"माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने लोकसभा के आम चुनावों को ध्यान में रखा, जिसमें लगभग 970 मिलियन मतदाताओं में से 650-700 मिलियन मतदाताओं की भागीदारी है, जो अगले पांच वर्षों के लिए इस देश की सरकार चुनने के लिए अपना वोट डालेंगे."
बेंच ने आगे कहा,
"याचिकाकर्ता भी लोकसभा उम्मीदवार है. उन्होंने तमलुक लोकसभा क्षेत्र से अपना नामांकन किया है."
कलकत्ता हाईकोर्ट के जज से इस्तीफा देकर अभिजीत गंगोपाध्याय बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. पूर्व में जज, अब बीजेपी नेता ने पश्चिम बंगाल के तमलुक लोकसभा क्षेत्र से अपना नामांकन भी किया है. प्रतिद्वंदी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने देबांगशु भट्टाचार्य को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.