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बृज बिहारी हत्याकांड: पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला को आत्मसमर्पण के लिए और समय नहीं! सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

बृज बिहारी हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके तीन अक्टूबर के आदेश में उन्हें 15 दिन का पर्याप्त समय दिया गया है, इसलिए उन्हें और अधिक छूट नहीं दी जा सकती. 

पूर्व राजद विधायक मुन्ना शुक्ला (पिक क्रेडिट X)

Written by Satyam Kumar |Published : October 16, 2024 1:58 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में हुई बिहार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने आत्मसमर्पण के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि याची को आत्मसमर्पण करने के लिए उचित समय दिया गया है (Former MLA Munna Shukla's Surrender Request Rejected by Supreme Court).

आत्मसमर्पण के लिए नहीं मिला अधिक समय

मुन्ना शुक्ला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ को बताया कि पत्नी की स्वास्थ्य समस्याओं और कामकाज के प्रबंधन के लिए उन्हें 30 दिनों का समय चाहिए. शुक्ला की याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि उसके तीन अक्टूबर के आदेश में उन्हें 15 दिन का पर्याप्त समय दिया गया है, इसलिए उन्हें और अधिक छूट नहीं दी जा सकती.

संदेह का लाभ पर पांच आरोपियों को किया बरी

शीर्ष अदालत ने हत्या मामले में तीन अक्टूबर को पूर्व विधायक शुक्ला एवं आरोपी मंटू तिवारी को दोषी करार दिया था. शीर्ष अदालत ने मामले में सभी आरोपियों को बरी करने के पटना उच्च न्यायालय के आदेश को आंशिक रूप से रद्द कर दिया था और शुक्ला तथा तिवारी को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा था. तिवारी दिवंगत भूपेंद्र नाथ दुबे के भतीजे हैं, जो प्रसाद की विधवा रमा देवी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी देवेंद्र नाथ दुबे के भाई थे. हालांकि, शीर्ष अदालत ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत पांच अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी करने के फैसले को बरकरार रखा.

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