नई दिल्ली: ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे से कुछ दिनों बाद बिहार के भागलपुर में एक चार-लेन वाला ब्रिज चुटकियों में ढह गया। 1,710 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल के गिरने के बाद अब बिहार के उच्च न्यायालय (High Court) में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है और इसकी स्वतंत्र जांच (Independent Enquiry) की मांग की गई है।
बिहार के भागलपुर में चार लेन वाले ब्रिज के ढहने के बाद पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में एक जनहित याचिका को वकील मणिभूषण प्रताप सेंगर (Manibhushan Pratap Sengar) ने दायर किया है. उन्होंने इस याचिका के जरिये इस मामले में राज्य सरकार से स्वतंत्र जांच की मांग की है।
पटना हाईकोर्ट में फाइल हुई इस याचिका के तहत याचिकाकर्ता ने न सिर्फ एक स्वतंत्र जांच की मांग की है, बल्कि उन्होंने एसपी सिंगला कंपनी, जिसने इस पुल को बनाया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। इस याचिका में यह अनुरोध भी किया गया है कि अदालत प्रतिवादी (Respondents) को इस पुल के पुनर्निर्माण का भी आदेश दे।
इस पीआईएल में अदालत से यह अनुरोध भी किया गया है कि वो प्रतिवादी को जरूरी आदेश दें जिससे इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को उनकी लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना काम के लिए सजा मिल सके। इस हादसे से न सिर्फ जनता के पैसों का नुकसान हुआ है बल्कि उन्हें बहुत असुविधा भी हुई है जिसका हर्जाना भरना होगा।
याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में बिल्डिंग कंपनी के साथ-साथ राज्य सरकार और प्राधिकरण को भी इस घटना का जिम्मेदार ठहराया है। बिल्डिंग कंपनी की लापरवाही के साथ-साथ उनका यह भी कहना है कि सरकार ने कंपनी को तब भी ज्यादा समय दिया जब वो पहले से ही अपना काम देरी से कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुछ सरकारी अधिकारियों का यह दावा है कि इस अंदर-कन्स्ट्रक्शन पुल के कुछ हिस्सों को एक निर्धारित योजना के तहत ध्वंस किया गया है क्योंकि यह ठीक से नहीं बना था।