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'उद्धव ठाकरे के विभूति न लगाने से मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुई', ऐसा दावा करने वाले युवक पर बॉम्बे HC ने लगाया 2 लाख का जुर्माना

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ एक तुच्छ याचिका दायर करने के लिए नांदेड़ निवासी मोहन चव्हाण पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. चव्हाण ने आरोप लगाया कि ठाकरे ने उनके पुजारी द्वारा दी गई पवित्र भस्म को न लगाकर उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. कोर्ट ने याचिका को न्यायिक प्रणाली का दुरुपयोग बताते हुए चव्हाण को आदेश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से जाकर उद्धव ठाकरे को यह राशि दें. 

Written by Satyam Kumar |Updated : September 2, 2024 12:55 PM IST

Bombay High Court: हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ एक तुच्छ याचिका दायर करने पर एक युवक, नांदेड़ निवासी मोहन चव्हाण, पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. युवक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का दावा किया है. युवक ने कहा कि एक समारोह के दौरान पंडित जी के उद्धव ठाकरे को विभूति लगाने की कोशिश की, जिससे उन्होंने लगाने से इंकार कर दिया, इससे मेरी भावनाएं आहत हुई हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए युवक पर 2 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही इन राशि का डिमांड ड्रॉफ्ट कराकर युवक को व्यक्तिगत तौर पर उद्धव ठाकरे को सौंपना होगा.

उद्धव ठाकरे के विभूति न लगाने से युवक की धार्मिक भावनाएं हुई आहत, दावा करनेवाले युवक पर बॉम्बे HC ने लगाया 2 लाख का जुर्माना

बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस एसजी मेहरे ने युवक पर दो लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा कि  प्रथम दृष्टया कानून की कम जानकारी वाला व्यक्ति भी कहेगा कि ये याचिका कानून की कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए की गई है. साथ ही याचिकाकर्ता ऐसा करके खुद को प्रसिद्ध करना चाहता है. ये याचिका न्यायिक प्रणाली का दुरूपयोग  के अलावा और कुछ नहीं है. जस्टिस ने कहा कि ऐसी याचिकाएं समाज के सम्मानित सदस्यों की छवि को कम करती हैं.

जस्टिस ने आगे कहा कि अधिकांश समय  ऐसी याचिकाएं किसी गुप्त मकसद से की जाती है. साथ ही यह याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग करने के लिए जुर्माना लगाने के लिए उपयुक्त मामला है. अदालत ने 2 लाख का जुर्माना लगाते हुए याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दी.

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि यह राशि तीन महीने के भीतर ठाकरे को देनी होगी, ऐसा न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जस्टिस मेहरे ने कहा कि याचिकाकर्ता को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नाम पर एक डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) बनाकर व्यक्तिगत रूप से उनके घर जाना चाहिए और इसे उनके हाथों में या उनके द्वारा निर्देशित व्यक्ति को सौंपना चाहिए.