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नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी के घर ध्वस्त करने पर Bombay HC ने लगाया स्टे, कार्रवाई पर महाराष्ट्र सरकार और नगर निगम से मांगा जबाव

नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी के घर गिराने के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने नगर निगम द्वारा जारी ध्वस्तीकरण नोटिस पर रोक लगाते हुए कहा कि सभी कार्रवाई अगले आदेश तक रुकी रहेगी. अब अदालत इस मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को करेगी.

Written by Satyam Kumar |Published : March 25, 2025 12:01 PM IST

बीते दिन बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने  याचिकाकर्ता  और नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान और यूसुफ शेख की संपत्तियों को गिराने पर रोक लगा दी है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि खान की संपत्ति को आदेश से पहले ही गिरा दिया गया था. हाई कोर्ट ने इस एक्शन पर सरकार और नगर निगम के अधिकारियों से जबाव की मांग की है. अब अदालत मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को करेगी.

कोर्टरूम आर्गुमेंट

बॉम्बे हाई कोर्ट में जस्टिस नितिन सांबरे और जस्टिस वृषाली जोशी की खंडपीठ ने नागपुर हिंसा के आरोपियों के घर को ध्वस्त करने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की. अदालत ने सिविक बॉडी यानि नगर निगम के इस कार्रवाई को High Hand यानि कि अक्खड़ मनमाना बताया. बॉम्बे हाई कोर्ट में यह याचिका नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम की मां जहरुनिस्सा शमिम खान ने दायर किया था. जहरुनिस्सा ने बताया कि 21 मार्च को उन्हें NMC की ओर से अपने दो मंजिला घर के ध्वस्तीकरण का नोटिस मिला, जो यशोधरा नगर के संजय बाग कॉलोनी में स्थित है. अदालत ने इस बात पर ध्यान दिया कि खान ने सोमवार सुबह (24 मार्च) को इस नोटिस को चुनौती दी थी, फिर भी अधिकारियों ने भारी सुरक्षा और ड्रोन निगरानी के बीच दोपहर में घर को गिरा दिया.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने टिप्पणी की, "सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि केवल आरोपित या दोषी होने के आधार पर किसी के घर या संपत्ति को नहीं गिराया जा सकता." उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र स्लम एरिया (सुधार, निष्कासन और पुनर्विकास) अधिनियम, 1971 के प्रावधानों के बिना, यह कार्रवाई गलत है. इस दौरान अदालत को यह सूचित किया गया कि दूसरे आरोपी, अब्दुल हफीज को भी इसी तरह का नोटिस मिला था और उनके घर को भी आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए ध्वस्तीकरण नोटिस की कार्रवाई को स्थगित कर दिया है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, " 21 मार्च 2025 को याचिकाकर्ताओं को जारी किए गए नोटिस के अनुसार सभी कार्रवाई अगले आदेश तक स्थगित रहेगी."

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इस दौरान NMC का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता जैमिनी कास्ट ने अदालत को बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पहले ही पूरी हो चुकी है. हाई कोर्ट ने इस बयान को दर्ज किया. हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि वे नोटिस की वैधता और ऐसे नोटिस के अनुसार की गई कार्रवाई पर विचार करेंगे, जब नगर निगम आयुक्त और कार्यकारी अभियंता द्वारा हलफनामा प्रस्तुत किया जाएगा. अदालत अब इस मामले को 15 अप्रैल के दिन दोबारा से सुनेगी.

बुलडोजर एक्शन को लेकर नगर निगम ने कहा

नागपुर नगर निगम की एंटी-एंक्रोचमेंट टीम ने सोमवार को शहर के जोहरीपुरा महल में अवैध निर्माण को ध्वस्त किया था. यह निर्माण आरोपी यूसुफ शेख के घर पर था, जो नागपुर दंगों के मामले में शामिल है। इससे पहले, नगर निगम ने एक अन्य आरोपी, फहीम खान के घर के कुछ हिस्सों को भी ध्वस्त किया. यह कार्रवाई एक शिकायत की जांच के आदेश के तहत की गई थी.

नगर निगम ने कार्रवाई को लेकर कहा कि

"हमें एक शिकायत की जांच का आदेश मिला था. हमने उचित जांच की. महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर योजना अधिनियम, 1966 की धारा 53(1) के अनुसार, 24 घंटे का नोटिस जारी किया गया. जैसे ही यह अवधि समाप्त हुई, यह कार्रवाई की गई."

यह कार्रवाई नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसक झड़प के बाद की गई थी. 17 मार्च को नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई थीं. इस दौरान पुलिस पर भी पत्थर फेंके गए.

महाराष्ट्र CM ने दी प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 22 मार्च को कहा कि इस हिंसा से संबंधित 92 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. CM फडणवीस ने कहा, "जो भी नुकसान हुआ है, उसे दंगाइयों से वसूला जाएगा. यदि वे पैसे नहीं चुकाते हैं, तो उनकी संपत्ति को वसूली के लिए बेचा जाएगा. जहां आवश्यक होगा, वहां बुलडोजर का भी उपयोग किया जाएगा."

सीएम के आश्वासन के बाद महाराष्ट्र साइबर सेल ने घटना को लेकर सूचना जारी किया. महाराष्ट्र पुलिस की साइबर सेल ने बताया कि हिंसा के एक आरोपी ने "वीडियो इडिट कर शेयर किया कर हिंसा को भड़काया. साइबर सेल के उप पुलिस आयुक्त (डीसीपी) लोहित मातानी ने ANI को बताया कि फहीम खान ने औरंगजेब के खिलाफ प्रदर्शन का वीडियो संपादित कर प्रसारित किया, जिसके कारण दंगे फैले. बता दें कि फहीम खान को महाराष्ट्र पुलिस ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. नागपुर हिंसा का मुख्य आरोपी फहीम अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक पार्टी का नेता है.