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Right To Sleep को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने ED को लगाई फटकार, Money Laundering मामले में देर रात की थी पूछताछ

सोने के अधिकार को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने ED को फटकार लगाते हुए कहा, हिरासत में लिए गए व्यक्ति से देर रात की अपेक्षा दिन में पूछताछ करें. देर रात पूछताछ होने से एवं नींद पूरी नहीं होने पर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ पर असर पड़ता है. ये मानवाधिकारों का उल्लंघन भी है.

Written by My Lord Team |Published : April 16, 2024 11:59 AM IST

Right to Sleep: सोने के अधिकार को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश दिया है. कोर्ट ने ED को फटकार लगाते हुए कहा, हिरासत में लिए गए व्यक्ति से देर रात की अपेक्षा दिन में पूछताछ करें, उन्हें भी सोने का अधिकार है. ये मानव शरीर की सामान्य क्रिया है. इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता. बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये हिदायत ED को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में दी जिसमें हिरासत में रखे गए व्यक्ति से सारी रात पूछताछ की गई. हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने व्यक्ति द्वारा ED की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज की है.

Bombay HC ने क्या कहा?

बॉम्बे उच्च न्यायालय में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की. बेंच ने कहा, संभवत: बयान दिन में लिए जाने चाहिए. पूछताछ करने में समय लगता है, रात में बयान दर्ज करने से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. याचिका के अनुसार, ED ने इसरानी से सुबह 3 बजे तक पूछताछ की थी.

जांच एजेंसी की ओर से वकील हितेन वेनेगांवकर पेश हुए. उन्होंने ED का बीच-बचाव करते हुए कहा, हमने व्यक्ति (याचिकाकर्ता) की सहमति से पूछताछ की है. वह पूछताछ के लिए तैयार थे. कोर्ट ने दलीलों से नाराजगी जाहिर की.

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कोर्ट ने कहा,

"पूछताछ भले ही स्वैच्छिक हो! हम देर रात तक याचिकाकर्ता के बयान को दर्ज करने के फैसले की निंदा करते हैं, जो साढ़े 3 बजे तक चला."

कोर्ट ने आगे कहा. 'सोने या झपकी लेने का अधिकार' एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है. इस पर रोक लगाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है. कोर्ट ने स्वास्थ के विषय को उठाते हुए कहा, नींद में कमी व्यक्ति के मानसिक क्षमताओं को प्रभावित करती है.

क्या है मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बॉम्बे हाईकोर्ट 64 साल के राम इसरानी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका के अनुसार, ED ने इसरानी को समन भेजा. तय समयानुसार, 7 अगस्त, 2023 के दिन इसरानी ED के सामने पेश हुए. रात भर पूछताछ हुई. अगले दिन उन्हें ED ने हिरासत में ले लिया. इसरानी ने ED के हिरासत में लेने के फैसले को चुनौती दी है.

उच्च न्यायालय ने इसरानी की याचिका खारिज की. लेकिन रात भर पूछताछ जारी रखने के विषय पर ED को चेतावनी भी दी है.