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जांच एजेंसियों को सीख देने का सही समय... ED पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने लगाया एक लाख का जुर्माना

बॉम्बे हाई कोर्ट, अगस्त 2014 में एक विशेष अदालत द्वारा मुंबई के रियल एस्टेट डेवलपर राकेश जैन को भेजे गए समन के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को कानून का दुरूपयोग पाते हुए एक लाख का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा कि इस समय जांच एजेंसियों को एक मजबूत संदेश भेजने की आवश्यकता है ताकि नागरिकों को परेशान न किया जाए.

बॉम्बे हाईकोर्ट

Written by My Lord Team |Published : January 22, 2025 12:53 PM IST

हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह कार्रवाई रियल्टी डेवलपर के खिलाफ धन शोधन की जांच शुरू करने के लिए की गई थी, जिसमें न्यायालय ने कहा कि ईडी ने 'सही दिमाग का उपयोग' (Proper Application Of Mind) नहीं किया. अदालत ने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को कानून के दायरे में काम करना चाहिए. बॉम्बे हाई कोर्ट, अगस्त 2014 में एक विशेष अदालत द्वारा मुंबई के रियल एस्टेट डेवलपर राकेश जैन को भेजे गए समन के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने ED पर लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना

बॉम्बे हाई कोर्ट में जस्टिस मिलिंद जाधव ने कहा कि अभी केन्द्रीय जांच एजेंसियों को कड़ी सीख देने का यह उचित समय हैं, जिससे कि वे नागरिकों को परेशान ना करें. जस्टिस जाधव ने कहा कि शिकायतकर्ता और ईडी की कार्रवाई स्पष्ट रूप से दुर्भावनापूर्ण है.

जस्टिस ने कहा,

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"मैं उदाहरणात्मक लागत लगाने के लिए मजबूर हूं क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को यह संदेश भेजना आवश्यक है कि उन्हें कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए."

ईडी ने जैन के खिलाफ धन शोधन की जांच शुरू की थी क्योंकि एक संपत्ति खरीदार ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में अनुबंध के उल्लंघन और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. जस्टिस जाधव ने कहा कि जैन के खिलाफ कोई मामला नहीं बनाया गया है, इसलिए धन शोधन के आरोप भी खारिज होते हैं.

अदालत ने ईडी को चार सप्ताह के भीतर एक लाख रुपये की लागत उच्च न्यायालय की लाइब्रेरी में जमा करने का आदेश दिया.

PMLA के दुरूपयोग का क्लासिक उदाहरण: HC

बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि धन शोधन का अपराध एक व्यक्ति द्वारा जानबूझकर और लाभ बढ़ाने के इरादे से किया जाता है. यह समाज और राष्ट्र के हितों की अनदेखी करता है.

जज ने कहा,

"धन शोधन की साजिश गुप्त रूप से की जाती है और इसे अंधेरे में अंजाम दिया जाता है, लेकिन यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के कार्यान्वयन के नाम पर दमन का क्लासिक उदाहरण है."

ईडी के वकील श्रीराम शिर्षाट ने न्यायालय से अनुरोध किया कि वह अपने फैसले को एक सप्ताह के लिए स्थगित करे ताकि एजेंसी सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सके. अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया.