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बैंकों के बिना सुनवाई खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने पर बंबई हाई कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक प्रतिपत्र पर बंबई उच्च न्यायालय ने अंतरिम रोक लगा दी है और इसके खिलाफ दायर की गई सभी याचिकाओं की सुनवाई को लेकर एक आदेश दिया है। जानिए पूरा मामला

Bombay HC Stays Fraud Classification Circular by RBI till Sept 11

Written by My Lord Team |Published : June 20, 2023 11:16 AM IST

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के एक परिपत्र पर अंतरिम रोक लगा दी। इस परिपत्र में बैंकों को बिना सुनवाई किए किसी भी खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने की अनुमति दी गई थी।

न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों द्वारा धोखाधड़ी वर्गीकरण और सूचना देने के संबंध में आरबीआई द्वारा 2016 में जारी दिशानिर्देशों पर 11 सितंबर तक रोक लगाई।

RBI  के दिशानिर्देशों को चुनौती देने के लिए दायर हुईं याचिकाएं

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समाचार एजेंसी भाषा (Bhasha) के अनुसार, अब बंबई हाईकोर्ट की ये खंडपीठ आरबीआई के दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। याचिका दायर करने वालों में जेट एयरवेज के पूर्व प्रवर्तक नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल भी शामिल हैं।

इन याचिकाओं में कहा गया है कि परिपत्र प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं क्योंकि खातों को धोखाधड़ी वाला घोषित करने से पहले कर्ज लेने वालों को सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया जाता है।

क्या कहता है RBI का परिपत्र?

भाषा के हिसाब से, परिपत्र के अनुसार जब कोई बैंक किसी खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करता है, तो उस बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह अन्य बैंकों को सतर्क करे।

अगर कोई बैंक सीधे खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करता है, तो उसे 21 दिन के भीतर आरबीआई और किसी जांच एजेंसी को इस बारे में बताना होगा।

अदालत ने कही ये बात

अदालत ने सोमवार को सभी याचिकाओं को स्वीकार कर लिया और कहा कि इन पर सात और आठ सितंबर को सुनवाई होगी। अदालत का यह कहना है कि इन याचिकाओं को अनिश्चितकाल के लिए लंबित रखना इस समस्या का समाधान नहीं है और इसलिए सुनवाई जरूरी है।

अदालत ने हर याचिका को सुनने का फैसला किया है क्योंकि हर याचिका नैसर्गिक न्याय के उल्लंघन (Violation of Natural Justice) की शिकायत करती है।