सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो केस के सभी दोषियों को जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया था. 8 जनवरी को सुनवाई में कोर्ट ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर ऐसा करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई दो सप्ताह की समय-सीमा 21 जनवरी, 2024 को पूरी हो जाएगी. ऐसे में रेप केस (Rape Case) के तीन दोषियों ने सरेंडर करने के लिए अधिक समय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
एक दोषी, गोविंदभाई नाई ने सरेंडर करने की समय-सीमा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के द्वार खटखटाए है. याचिका में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के साथ-साथ घरेलु कारणों से सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह (4 Weeks) की मांग की है. वही, मितेश चिम्मनलाल भट्ट और रमेश रूपाभाई चांदना ने 6 सप्ताह (6 Weeks) का समय मांगा है.
बता दें कि जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने 8 जनवरी, 2024 को बिल्किस बानो मामले की सुनवाई की. सुनवाई के बाद गुजरात सरकार द्वारा इन दोषियों को समय से पूर्व दी गई रिहाई को रद्द कर, सभी 11 दोषियों को संबंधित जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर करने को कहा. गुजरात सरकार ने पिछले वर्ष 14 अगस्त, 2024 के दिन दोषियों को सजा की अवधि पूरी होने से पहले ही रिहाई दे दी थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए दोषियों को दोबारा सरेंडर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया.
घटना साल, 2002 की है, जब गुजरात दंगे के दौरान एक गर्भवती महिला, बिल्किस बानो के साथ रेप और उसके परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या कर दी गई. इस मामले गोविंदभाई नाई एवं 10 अन्य को अभियुक्त बनाया गया, और कोर्ट ने इन्हें इस मामले का दोषी पाया.