सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को राजनीतिक रणनीतिकार से राजनीतिक नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) की जन सुराज पार्टी की ओर से 13 नवंबर को होने वाले बिहार उपचुनाव (Bihar by-election) को स्थगित करने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपचुनाव से किसी पार्टी को आपत्ति नहीं है, आप नई पार्टी है इसलिए चुनावी प्रक्रिया संबंधित कई बातों को समझने की जरूरत है. बता दें कि जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) ने छठ महापर्व के आधार पर इस चुनाव को खारिज करने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने कहा कि निर्धारित उपचुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए बहुत देर हो चुकी है. इसे नीतिगत मुद्दा बताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और कहा कि बिहार उपचुनाव के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं.
पीठ ने कहा,
“अन्य राजनीतिक दलों को कोई समस्या नहीं है, केवल आपको ही समस्या है. आप एक नयी राजनीतिक पार्टी हैं, आपको इन उलझनों को समझने की जरूरत है.”
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार में छठ पूजा जितना महत्वपूर्ण कोई अन्य त्योहार नहीं है. पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में चुनाव की तारीखें निर्वाचन आयोग द्वारा धार्मिक आयोजनों के आधार पर आगे बढ़ा दी गईं, जबकि बिहार चुनाव में छठ पूजा त्योहार के बावजूद ऐसा नहीं किया गया. बता दें कि रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे.
(खबर PTI इनपुट के आधार पर लिखी गई है)