सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार के दिन ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसीनो के खिलाफ 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी नोटिसों को स्थगित कर दिया है. केन्द्र सरकार ने इन कंपनियों को नोटिस जारी कर चोरी के आरोपों के तहत जारी किए गए थे. अक्टूबर 2023 में, जीएसटी अधिकारियों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ कर चोरी के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किए थे. कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों जैसे गेम्स 24x7, हेड डिजिटल वर्क्स, और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने जीएसटी के इस टैक्स को चुनौती दी है. सुनवाई के दौरान ने सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्णय को स्थगित कर दिया है, जिसमें एक ऑनलाइन गेमिंग कंपनी को 21,000 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस निरस्त किया गया था.
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई आवश्यक है और इस बीच गेमिंग कंपनियों के खिलाफ सभी कार्यवाही स्थगित रहनी चाहिए. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटारामन ने जीएसटी विभाग का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि कुछ शो-कॉज नोटिस फरवरी में समाप्त हो जाएंगे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 18 मार्च के दिन फिर से सूचीबद्ध किया गया है .
बता दें कि केन्द्र सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन किया, जिसके तहत विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है. अगस्त 2023 में, जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर लगाए गए दांवों के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा. गेमिंग कंपनियों ने जीएसटी के इस दावे के खिलाफ विभिन्न हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष केंद्र की एक याचिका को स्वीकार किया और नौ हाईकोर्ट से ई-गेमिंग कंपनियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के खिलाफ याचिकाओं को अपने पास स्थानांतरित कर लिया.
(खबर पीटीआई इनपुट पर आधारित है)