नई दिल्ली: AAP नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को Delhi High Court से बड़ी झटका लगा है. Delhi High Court ने money laundering case में जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
Justice Dinesh Kumar Sharma ने गुरूवार सुबह न्यायालय समय शुरू होने के साथ ही सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने ईडी और आप नेता के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले साल 17 नवंबर को उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया था. जिसके खिलाफ जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
Justice Sharma ने सत्येन्द्र जैन के सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन की भी जमानत याचिका खारिज कर दी.
सत्येंद्र जैन को Money Laundering के मामले में 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. जैन पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप लगा है. दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन 12 जून 2022 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
जैन की ओर से हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के 17 नवंबर, 2022 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी जमानत याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि वह प्रथम दृष्टया अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे.
ईडी ने 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री को गिरफ्तार किया था. उन्हें सीबीआई के दर्ज मामले में 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत मिल चुकी है.
ट्रायल कोर्ट ने वैभव जैन और अंकुश जैन को भी यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने जानबूझकर अपराध छिपाने में सत्येंद्र जैन की सहायता की और मनी लॉन्ड्रिंग के प्रथम दृष्टया दोषी थे. इन दोनों अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं पर भी हाईकोर्ट अपना आदेश सुनाएगा.
दिल्ली हाईकोर्ट में जैन की जमानत याचिका पर ईडी ने विरोध किया था. सुनवाई के दौरान ईडी ने जैन को जमानत मिलने पर गवाहों की जान को खतरे की आशंका बताते हुए कहा था कि जैन बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं और वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इसलिए उन्हें जमानत मिलने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.