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BCI: विदेशी वकीलों और कानूनी फर्मों को भारत में वकालत की अनुमति

बीसीआई ने कहा कि ‘ये नियम देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह के बारे में व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करने और भारत को अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक आर्बिट्रेशन का केंद्र बनाने में भी मदद करेंगे.

Written by Nizam Kantaliya |Published : March 15, 2023 1:10 PM IST

नई दिल्ली:Bar Council of India ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विदेशी वकीलों और कानूनी फमों को भारत में वकालत करने की अनुमति दे दी है.

BCI ने ये अनुमति पारस्परिक आधार पर देश में विदेशी कानून का अभ्यास करने के लिए दी है.हालांकि, विदेशी वकीलों और फर्मों को भारतीय अदालतों और ट्रिब्यूनल में पेश होने या प्रेक्टिस की अनुमति नहीं दी गई है.

BCI द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार इन विदेशी कंपनियों और वकीलों को विदेशी कानून, अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों और मध्यस्थता मामलों जैसे क्षेत्रों में प्रैक्टिस करने की अनुमति होगी.

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BCI ने इस मामले में विदेशी वकीलों और कानूनी फमों को भारत में वकालत करने की अनुमति देने के लिए Registration and Regulation of Foreign Lawyers and Foreign Law Firms in India, 2022 नियम भी अधिसूचित किए है.

क्या कहा BCI ने

नए नियमों की जानकारी देने वाली अधिसूचना में Bar Council of India ने कहा है कि‘ये नियम एक अच्छी तरह से परिभाषित, विनियमित और नियंत्रित तरीके से पारस्परिकता के सिद्धांत पर आधारित हैं.

विदेशी कानून के अभ्यास के क्षेत्र में विदेशी वकीलों के लिए भारत में कानून अभ्यास खोलना, गैर-मुकदमे वाले मामलों में विविध अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता मामलों में भारत में वकीलों के लाभ के लिए भारत में कानूनी पेशे/डोमेन के विकास में मदद करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना होगा.’

बीसीआई ने कहा कि ‘ये नियम देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह के बारे में व्यक्त की गई चिंताओं को दूर करने और भारत को अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक आर्बिट्रेशन का केंद्र बनाने में भी मदद करेंगे.

BCI के अनुसार इससे भारतीय और विदेशी दोनों तरह के वकीलों को लाभ होगा।.

ये रहेंगे नियम

बीसीआई के ये नियम स्पष्ट करते हैं कि एक विदेशी वकील या कानूनी फर्म बीसीआई के साथ पंजीकरण के बिना भारत में कानून का अभ्यास करने का हकदार नहीं होगा।

यह निषेध किसी विदेशी वकील या विदेशी कानूनी फर्म द्वारा विदेशी कानून या अंतरराष्ट्रीय कानूनी मुद्दों पर भारत में किसी ग्राहक को कानूनी सलाह देने के उद्देश्य से 'फ्लाई इन और फ्लाई आउट आधार' पर कानूनी अभ्यास पर लागू नहीं होगा.

विदेशी वकील/फर्म का भारत में कार्यालय भी नहीं हो सकता है, और उनका अभ्यास 12 महीनों की किसी भी अवधि में 60 दिनों से अधिक नहीं हो सकता है।

एक विदेशी वकील के लिए पंजीकरण शुल्क $25,000 है और एक कानूनी फर्म के लिए शुल्क $50,000 तय किया गया है.