बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य के पुलिस को एक बार फिर से जमकर फटकारा है. पुलिस को इस बार फटकार बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी ट्रस्टियों को पकड़ने में नाकाम रहने पर लगी है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि आम लोगों को पकड़ने मे महारत रखने वाली पुलिस दो ट्रस्टियों को पकड़ने में कैसे नाकाम हो गई? बता दें कि इस घटना में पिछली बार बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर करने पर फटकार लगाई थी. अगस्त में महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक एसआईटी बदलापुर में स्कूल की दो छात्राओं के कथित यौन शोषण की जांच करेगी. स्कूल के दो ट्रस्टी अध्यक्ष और सचिव को भी मामले में आरोपी बनाया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने सवाल किया कि पुलिस, जो आमतौर पर किसी आरोपी को पकड़ने के लिए किसी भी हद तक जाती है, इस मामले में उन्हें गिरफ्तार करने में असमर्थ कैसे है?
घटना की सूचना तुरंत पुलिस को न देने और लापरवाही बरतने के लिए दोनों पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने पीठ को बताया कि दोनों आरोपी अभी भी फरार हैं और उन्हें पकड़ा नहीं गया है. दोनों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है.
अदालत ने कहा,
"पुलिस किसी भी आरोपी को पकड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. आखिर वे इन दोनों को क्यों नहीं पकड़ पाए? क्या वे अग्रिम जमानत मिलने का इंतजार कर रहे हैं?"
सराफ ने कहा कि पुलिस दोनों को पकड़ने के लिए सभी कदम उठा रही है. अदालत मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी.
पिछली सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “पुलिस को तो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए विधिवत रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर आरोपी के सिर पर गोली कैसे लगी? पुलिस को तो बाकायदा ट्रेनिंग में यह सिखाया जाता है कि आरोपी के किस अंग पर गोली चलानी है. ऐसी स्थिति में पुलिस को आरोपी के पैर या हाथ पर गोली चलानी चाहिए थी.”
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक स्कूल के शौचालय के अंदर चार और पांच साल की दो लड़कियों के साथ एक पुरुष अटेंडेंट ने यौन उत्पीड़न किया. आरोपी अक्षय शिंदे को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. 23 सितंबर को पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था.