Fake Birth Certificate Case: समाजवादी पार्टी (SP) के सीनियर लीडर आजम खान (Azam Khan) की मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही है. Fake Birth Certificate Case में रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई है. साथ ही 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. फैसले के बाद तीनों को हिरासत में ले लिया गया और कोर्ट से सीधे जेल भेजा जाएगा. रामपुर में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ Fake Birth Certificate रखने का मामला दर्ज कराया था. आजम खान और उनकी पत्नी को भी आरोपी बनाया गया था. IPC की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया गया था. अब्दुल्ला आजम पर अपनी सुविधा के अनुसार समय-समय पर दो Fake Birth Certificate का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था. शिकायत के मुताबिक, एक लखनऊ नगर पालिका और दूसरा रामपुर नगर पालिका ने जारी किया था.अब्दुल्ला आजम ने अपने पहले जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल अपने विदेशी दौरों के लिए पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए किया, वहीं उन्होंने दूसरे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल सरकार से संबंधित उद्देश्यों के लिए किया. आरोप में कहा गया था कि ये Certificate फर्जी तरीके से जारी किए गए थे.
पूर्व DGC सक्सेना ने कहा कि अब्दुल्ला आजम खान पर दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप है. पहला जन्म प्रमाण पत्र 1 जनवरी 1993 का है, जबकि दूसरा जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ से बनवाया गया था जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 है.
आपको बता दें, इससे पहले 15 साल पुराने मामले में अब्दुल्ला आजम खान को दोषी ठहराए जाने और दो साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इस मामले में अब्दुल्ला की सजा पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इससे पहले, आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला दोनों को 2019 के हेट स्पीच में दोषी ठहराया गया था.