सुप्रीम कोर्ट ने किसान प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार के रवैये पर सवाल उठाया है. पिछले 39 दिन से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को इलाज मुहैया कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार का रवैया गतिरोध सुलझाने वाला नहीं है और यह डल्लेवाल के अनशन को लेकर मीडिया में गलत बयानी कर रही है. सुनवाई को सोमवार के लिए टालते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के लिए और वक्त देते हुए चीफ सेकेट्री और डीजीपी को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से आपत्ति जताते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा मीडिया में इस तरह के बयान दिए जा रहे है, मानों कोर्ट डल्लेवाल का अनशन तुड़वाना चाहता है. हम पहले भी साफ कर चुके है कि हमे डल्लेवाल के अनशन पर आपत्ति नहीं है. हमारी चिंता उन्हें मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने को लेकर है, वो मेडिकल सहायता लेते हुए भी अनशन जारी रख सकते है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार डल्लेवाल को समझाने में नाकामयाब रही है. पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. डल्लेवाल को समझाने के लिए राज्य सरकार के अधिकारी धरनास्थल पर ही है. डल्लेवाल मान नहीं रहे है. उनका कहना है कि केन्द्र की ओर से बातचीत की पहल होने पर ही वो मेडिकल सहायता स्वीकार कर सकते है.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के अनुरोध पर उन्हें डल्लेवाल को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश पर अमल के लिए और वक्त दिया है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक चीफ सेकेट्री और डीजीपी को हलफनामा दाखिल करने को कहा. सोमवार को कोर्ट आगे सुनवाई करेगा.