Advertisement

अग्रिम जमानत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का कड़ा रुख, कहा- फरार आरोपी इसका हकदार नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि जिस आरोपी को भगोड़ा घोषित किया गया है, वह अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : September 1, 2025 10:33 AM IST

हाल में ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत को लेकर अहम टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर अपराधी भगोड़ा घोषित किया जा चुका है तो वह अग्रिम जमानत का हकदार नहीं है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि जिस आरोपी के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 (भगोड़ा घोषित) के तहत नोटिस जारी किया गया है और फरार है, वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है. इसके साथ ही जस्टिस गौतम चौधरी ने कानपुर नगर परिषद के सदस्य प्रदीप मिश्रा की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी.

मिश्रा पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके संपत्ति बैनामा करने वालों के जाली हस्ताक्षर करने और लेखपाल की रिपोर्ट का सत्यापन करने में शामिल होने का आरोप है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मिश्रा की इसमें कोई भूमिका नहीं है और वह निर्दोष है. उसने अपने रिश्ते के भाइयों- विपिन मिश्रा और अमित मिश्रा के हस्ताक्षरों की केवल पुष्टि की थी.

जस्टिस ने कहा कि इस अपराध में शामिल होने का उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और वह जांच में सहयोग करेगा. उन्होंने कहा कि उसे गिरफ्तार किया जा सकता है, इसलिए उसे राहत दी जानी चाहिए. वहीं, शिकायतकर्ता के वकील ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता फरार है और उसके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही तक शुरू की जा चुकी है. ऐसी स्थिति में फरार आरोपी अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है. अदालत ने कानूनी पहलुओं और तथ्यों पर विचार करने के बाद याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया.

Also Read

More News