संभल मामले में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई. मस्जिद कमेटी ने बीतते वक्त का हवाला देते हुए संभल मस्जिद पर रंगरोगन कराने के मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला लेने की मांग की, तो वहीं हाई कोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से मुआयना करके बताने को कहा है कि क्या मंदिर के बाहर भी रंगरोगन कराने की आवश्यकता है. इससे पहले रंगाई-पुताई के मामले में एएसआई ने जबाव दिया था कि अंदर से पेंट सही है, रंगरोगन की आवश्यकता नहीं है. आज सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI को कई प्रश्नों के जबाव देने को कहा है.
संभल की विवादित शाही जामा मस्जिद मामले में सुनवाई शुरू, एएसआई के वकील ने मस्जिद कमेटी की आपत्तियों पर जवाब दाखिल किया. मस्जिद कमेटी के वकील फरमान नकवी से जस्टिस ने पूछा क्या स्थिति है, फरमान नकवी ने कहा कुछ आपत्तियां हैं, जिसको तीसरे पूरक हलफनामे के जरिए आज दाखिल कर रहा हूं. वाइट वाशिंग को लेकर जस्टिस और एएसआई के बीच आर्ग्युमेंट चल रहा है.
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा मस्जिद कमेटी का कहना है कि वह बाहरी साइड वाइट वाशिंग चाहते हैं, एएसआई के वकील ने मस्जिद कमेटी के इस मांग पर आपत्ति दर्ज की, एएसआई के वकील ने एक फ़ोटो कोर्ट में पेश करते हुए कहा सफेदी करके इन लोगों ने स्मारक के रंग को खराब कर दिया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI से कहा कि वो स्पष्ट हलफनामा दायर करें कि इस हलफनामे में साफ साफ इस बात का उल्लेख करें कि मस्जिद के रंगरोगन की ज़रूरत क्यों नहीं है! साथ ही इमारत को discolour करने का जो ASI का आरोप है, उसको भी स्पष्ट तौर पर अपने हलफनामे में दर्ज करें. ASI ने अपना पक्ष रखते वक्त दावा किया था कि मस्जिद कमिटी के लोग ने इमारत का रंगरोगन करके इस संरक्षित स्मारक का रंग खराब कर दिया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI से कहा है कि वो हलफनामे में इस बात का उल्लेख करे कि मस्जिद के बाहरी हिस्से में रंगरोगन की ज़रूरत है या नहीं? अभी तक अंदर के हिस्से में एनिमल पेंट होने की बात ASI ने कही है). कोर्ट ने ASI से कहा है कि इससे पहले रंगरोगन के ज़रिए संरक्षित स्मारक के रंग खराब करने का जो ASI का आरोप है, उसका भी वो अपने हलफनामे में साफ साफ उल्लेख करे. मस्जिद कमेटी के वकील की ओर से दलील दी गई है कि रमजान का समय निकलता जा रहा है. कोर्ट इसमे जल्दी दिखाए. कोर्ट ने आश्वस्त किया कि ज़्यादा देरी नहीं होगी. कोर्ट जल्द ही इस पर उनकी मांग पर फैसला ले लेगा.
ASI ने कोर्ट से कहा कि सर्वे के लिए दो लोगो को मस्जिद के मुआयने की इजाज़त दी जाए. कोर्ट ने कहा कि ASI के लोग मस्जिद का बाहर से मुआयना कर सकते है. ASI की ओर से वकील ने दलील दी कि ये ASI संरक्षित स्मारक है. कोर्ट उन्हें अंदर एंट्री करने से नहीं रोक सकता है. वहीं, मस्जिद कमेटी के वकील ने दावा किया कि ASI के लोग रोज़ तो मस्जिद जा ही रहे है. इस पर कोर्ट ने ASI को हिदायत देते हुए कहा कि अब इसको लेकर कोई मुद्दा मत बनाइये. आपको बाहर से ही मस्जिद का मुआयना करके रिपोर्ट देनी है.
कोर्ट में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी
(खबर जी मीडिया एजेंसी इनपुट से है)