Sambhal Violence: आज इलाहाबाद हाईकोर्ट संभल हिंसा में आरोपियों के पोस्टर सार्वजनिक जगह लगाने पर रोक की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करेगी. अदालत इस याचिका पर आज दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी. याचिका में हिंसा में शामिल आरोपियों के पोस्टर को सार्वजनिक करने के फैसले पर रोक लगाने के साथ-साथ भीड़ पर फायरिंग करने में शामिल पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. बता दें कि यह जनहित याचिका एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन एंड सिविल राइट्स (APCR) संस्था ने दाखिल की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई दोपहर दो बजे करेगी.
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट में संभल हिंसा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर अब तक तीन याचिकाएं दायर की जा चुकी है. तीनों याचिकाओं में पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए, सर्वे के दिन हुए हिंसा की जांच, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौपने की मांग की गई है. बता दें कि जिला अदालत के आदेश पर कोर्ट कमिश्नर अगुवाई में संभल जामा मस्जिद का एएसआई सर्वे करने गई टीम पर उपद्रवियों ने पथराव किया, जिसके बाद से क्षेत्र में हिंसा का महौल पैदा हो गया. इस हिंसा में चार लोगों के मारे जाने की खबर है.
संभल जामा मस्जिद मामले ASI की रिपोर्ट पर रोक लगाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यूपी सरकार सामुदायिक मध्यस्थता के सहारे इस मामले को सुलझाए.
24 दिसंबर के दिन चंदौसी कोर्ट के आदेश पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे (ASI Survey) की एक टीम संभल शाही मस्जिद का सर्वेक्षण करने गई थी. सर्वेक्षण के दिन सर्वे करने गई टीम और स्थानीय लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी. इस मामले में संभल जामा मस्जिद या शाही मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वहां हरि हर मंदिर था, जिसे बाबर के शासन काल में तोड़कर मस्जिद बनाया गया था. हिंदू पक्ष की याचिका पर चंदौसी कोर्ट ने संभल जामा मस्जिद का एएसआई सर्वे करने का आदेश दिया.