हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना महिलाओं को पुरुष जिम ट्रेनर द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण को लेकर गंभीर चिंता जताई है. मामला मेरठ के नितिन सैनी नाम के एक जिम ट्रेनर की अपील से जुड़ा है. जिम ट्रेनर द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव ने यह टिप्पणी की. सैनी पर एक महिला ग्राहक के खिलाफ जाति आधारित टिप्पणी करने का आरोप है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि आठ सितंबर निर्धारित की है. पीड़िता ने निचली अदालत के समक्ष अपने बयान में आरोप लगाया था कि आरोपी ने जिम आने वाली एक अन्य महिला के अश्लील वीडियो बनाए थे और उस महिला को ऐसी अश्लील सामग्री भेजता रहा है.
इन आरोपों पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि इन कथित कृत्यों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) भी लगाई जा सकती है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 27 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि यह एक गंभीर मामला है कि वर्तमान में पुरुष जिम ट्रेनर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं.
सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के ब्रह्मपुरी पुलिस थाना के जांच अधिकारी को एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कबा है कि क्या अपीलकर्ता द्वारा संचालित जिम कानून के तहत पंजीकृत है? क्या मौजूदा मामले में अपीलकर्ता को गिरफ्तार किया गया है? उस जिम में महिला प्रशिक्षक हैं या नहीं?