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Akshay Shinde Encounter के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कौन सी एजेंसी जांच करेगी', HC ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा

बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे, जिसमें अन्ना शिंदे न आरोप लगाया है कि उनके बेटे को फेक एनकाउंटर में मारा है. मजिस्ट्रेट जांच को देखते हुए अदालत ने पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार माना है.

बॉम्बे हाईकोर्ट

Written by My Lord Team |Published : January 20, 2025 4:06 PM IST

Akshay Shinde Encounter: बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के लिए मजिस्ट्रेट की जांच में पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया है. मजिस्ट्रेट ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट बंबई हाई कोर्ट को सौंप दी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिंदे के पिता अन्ना शिंदे की याचिका पर सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे, जिसमें अन्ना शिंदे न आरोप लगाया है कि उनके बेटे को फेक एनकाउंटर में मारा है. एनकाउंटर की घटना में ठाणे अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे, सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) नीलेश मोरे, हेड कांस्टेबल अभिजीत मोरे और हरीश तावड़े तथा एक पुलिस चालक शामिल थे. बता दें कि बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लिया था और स्कूलों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का आदेश दिया था.

बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए कहा कि सरकार जांच के आधार पर मामला दर्ज करने के लिए बाध्य है. अदालत ने जानना चाहा कि कौन सी जांच एजेंसी मामले की जांच करेगी.

अदालत ने कहा,

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‘‘मजिस्ट्रेट ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि आरोपी अक्षय शिंदे की मौत के लिए पांच पुलिसकर्मी जिम्मेदार हैं.’’

पीठ ने कहा कि कानून के अनुसार, पांचों पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके जांच की जानी चाहिए.

अदालत ने कहा,

‘‘आप (सरकार) इस मजिस्ट्रेट रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बाध्य हैं. हमें बताएं कि कौन सी एजेंसी मामले की जांच करेगी.’’

पीठ ने जांच रिपोर्ट की एक प्रति अभियोजन पक्ष और अन्ना शिंदे को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

अदालत ने आगे कहा,

‘‘हम मूल रिपोर्ट और इसके साथ संलग्न सभी दस्तावेज तथा गवाहों के बयान फिलहाल अपने पास रखेंगे. अभियोजन पक्ष को मामले की जांच के दौरान बाद में इसकी जरूरत पड़ सकती है.’’

अदालत ने सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर से कहा कि वह दो सप्ताह में पीठ को बताएं कि मामले की जांच कौन सी जांच एजेंसी करेगी. साथ ही सरकारी वकील वेनेगांवकर ने सोमवार को पीठ के समक्ष राज्य शिक्षा विभाग का हलफनामा पेश किया जिसमें घटना के बाद उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है. वेनेगांवकर ने कहा कि समिति की रिपोर्ट 31 जनवरी तक तैयार हो जाएगी.

अक्षय शिंदे (24) को अगस्त 2024 में बदलापुर के एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह स्कूल में ‘अटेंडेंट’ था. शिंदे की 23 सितंबर को तलोजा जेल से पूछताछ के लिए ले जाते समय कथित पुलिस गोलीबारी में मौत हुई थी.

पुलिस ने दावा किया कि उसने पुलिस वैन में मौजूद एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली, गोली चलाई और जवाबी गोलीबारी में वह मारा गया. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे ने अक्षय को गोली मारी, जबकि गोलीबारी के समय वैन में एपीआई नीलेश मोरे, दो कांस्टेबल और एक पुलिस चालक मौजूद थे. पुलिस हिरासत में किसी आरोपी की मौत के मामले में कानून के तहत मजिस्ट्रेट जांच शुरू की जाती है. मजिस्ट्रेट रिपोर्ट आने के बाद से बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार से जबाव की मांग की है.

(खबर पीटीआई इनपुट से है)