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AIMPLB के विरोध के बाद Uniform Civil Code को लागू करने हेतु मोदी सरकार ने किया GoM का गठन

कुछ घंटों पहले ही यूसीसी (UCC) का विरोध करते हुए 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' ने विधि आयोग को स्टेटमेंट जारी किया है और अब मोदी सरकार ने देश में समान नागरिक संहिता को जारी करने के लिए मंत्रियों के एक समूह (GoM) का गठन किया है

Modi Government Constitutes GoM for UCC Implementation

Written by Ananya Srivastava |Published : July 6, 2023 4:49 PM IST

नई दिल्ली: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने मंत्रियों के एक समूह यानी जीओएम (Group of Ministers) का गठन कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर सभी महत्वपूर्ण पक्षों से और सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए केंद्र सरकार ने फिलहाल अनौपचारिक तौर पर इस जीओएम (GoM) का गठन किया है।

UCC के लिए हुआ GoM का गठन

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आईएएनएस (IANS) के अनुसार पूर्व कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) की अध्यक्षता में गठित किए गए इस अनौपचारिक जीओएम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani), केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) और जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) को शामिल कर अहम जिम्मेदारी दी गई है।

सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों के इस अनौपचारिक समूह में फिलहाल तीन अन्य राज्य मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। हालांकि, आने वाले दिनों में इस समिति में फेरबदल भी किया जा सकता है।

क्या करेगा ये मंत्रियों का समूह?

समाचार एजेंसी आईएएनएस के हिसाब से सूत्रों के मुताबिक, ये चारों मंत्री समान नागरिक संहिता (UCC) से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। किरेन रिजिजू आदिवासी (Tribals) से जुड़े मसलों पर, स्मृति ईरानी महिला अधिकारों (Female Rights) से जुड़े मसलों पर, जी किशन रेड्डी पूर्वोत्तर राज्यों (Northeast States) से जुड़े मसलों पर और अर्जुन राम मेघवाल कानूनी पहलुओं (Legal Aspects) से जुड़े मसलों पर विचार-विमर्श करेंगे।

आपको बता दें कि, इस जीओएम में शामिल मंत्रियों ने समान नागरिक संहिता को लेकर विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। जीओएम पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ व्यक्तिगत मुलाकात अथवा फोन पर बातचीत के जरिए विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।

किरेन रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल इस मसले पर मंगलवार को भाजपा (BJP) राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से भी मुलाकात कर चर्चा कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि जीओएम में शामिल मंत्रियों ने बुधवार को इस मसले पर कई घंटे तक मैराथन बैठक भी की।

भारत में Uniform Civil Code पर चर्चा

बुधवार की रात को 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (All India Muslim Personal Law Board) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध किया था, इसके प्रति अपनी आपत्ति जताई थी और विधि आयोग को अपनी तरफ से एक ड्राफ्ट भी तैयार करके दिया था। AIMPLB ने कहा है कि उनके हिसाब से आदिवासियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों (Minorities and Religious Minorities) को यूसीसी के आधीन नहीं लाना चाहिए; उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

आपको याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भोपाल से पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की पुरजोर शब्दों में वकालत की थी। ऐसे में केंद्रीय मंत्रियों के इस अनौपचारिक जीओएम के गठन को देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में मोदी सरकार द्वारा उठाया गया बड़ा और गंभीर कदम माना जा सकता है।