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'समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है', विहिप अधिवेशन में बोले जस्टिस शेखर यादव

विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित अधिवेशन में जस्टिस यादव ने कहा कि UCC का उद्देश्य धर्म के आधार पर असमान कानूनी व्यवस्था को खत्म करना और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना है।

जस्टिस शेखर यादव

Written by Satyam Kumar |Published : December 9, 2024 6:10 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ. शेखर यादव (Justice Shekhar Yadav) ने इस बात पर जोर दिया कि समान नागरिक संहिता (UCC) का प्राथमिक उद्देश्य धर्म के आधार पर असमान कानूनी व्यवस्था को खत्म करना, सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है. अधिवेशन में बोलते हुए जस्टिस शेखर यादव ने कहा कि यूसीसी सभी समुदायों के व्यक्तिगत मामलों पर समान रूप से लागू होगी, जिससे समुदायों के भीतर और उनके बीच कानूनी स्थिरता सुनिश्चित होगी.

समान नागरिक संहिता पर जस्टिस यादव ने रखी अपनी राय

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, न्यायमूर्ति शेखर यादव ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पुस्तकालय हॉल में रविवार को विहिप के विधि प्रकोष्ठ और उच्च न्यायालय इकाई के प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि समानता न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर आधारित समान नागरिक संहिता भारत में लंबे समय से एक बहस का मुद्दा रही है. जस्टिस ने कहा कि एक समान नागरिक संहिता, एक ऐसे सामान्य कानून को संदर्भित करती है जो व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, विरासत, तलाक, गोद लेने आदि में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होता है. जस्टिस यादव ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों को प्रतिस्थापित करना है, जो वर्तमान में विभिन्न धार्मिक समुदायों के भीतर व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करते हैं. जस्टिस ने कहा कि इसका लक्ष्य ना केवल समुदायों के बीच, बल्कि एक समुदाय के भीतर भी कानूनों की एकरूपता को सुनिश्चित करना है.

पहले गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग

जस्टिस शेखर यादव पहले भी अपनी टिप्पणियों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन्होंने सितंबर 2021 में गोहत्या के एक मामले में कहा था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए और गोरक्षा को हिंदुओं के मौलिक अधिकार में रखा जाए क्योंकि जब देश की संस्कृति और उसकी आस्था पर चोट होती है तो देश कमजोर होता है.

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जस्टिस यादव ने कहा था कि गाय के महत्व को केवल हिंदुओं ने समझा हो, ऐसा नहीं है. मुसलमानों ने भी गाय को भारत की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना और मुस्लिम शासकों ने अपने शासनकाल में गायों के वध पर रोक लगाया था. उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सह संयोजक अभिषेक आत्रेय ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर कहा कि बांग्लादेश में दूसरा कश्मीर दिखता है और अस्मिता को बचाए रखने के लिए हम सभी को संगठित रहना होगा. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता वीपी श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में “धर्मांतरण- कारण और निवारण” विषय पर अपना अनुभव साझा किया. इस अधिवेशन में जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अमेठी, प्रयागराज, कौशांबी, भदोही, मिर्जापुर, चंदौली, सोनभद्र, गाजीपुर, और वाराणसी के विहिप कार्यकर्ता उपस्थित रहे.