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Abrogation of Article 370: केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर होगी नियमित सुनवाई, Supreme Court ने दिया निर्देश

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के निराकरण के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं जिनपर उच्चतम न्यायालय में आज सुनवाई हुई; अदालत ने नियमित सुनवाई का निर्देश दिया है।

Article 370 Abrogation Supreme Court Day to Day Hearing Order

Written by Ananya Srivastava |Published : July 11, 2023 11:11 AM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2019 में भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370 of The Indian Constitution) का निराकरण किया था जिसके बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) को स्पेशल स्टेटस प्रदान किया गया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दायर हुई थीं जिनकी आज, 11 जुलाई को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है कि 2 अगस्त, 2023 से इस मामले में नियमित सुनवाई (Day to Day Hearing) की जाएगी। साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने के लिए IAS अधिकारी शाह फैसल द्वारा दिए गए आवेदन पर विचार की मंजूरी दी।

केंद्र सरकार ने दायर किया शपथ-पत्र

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुनवाई से एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार द्वारा एक नया शपथ-पत्र (Fresh Affidavit) दायर की गई जिसमें सरकार ने अपने इस फैसले को डिफेंड किया है।

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इस एफिडेविट में केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में जब से अनुच्छेद 370 का निराकरण हुआ है, वहां अभूतपूर्व स्थिरता और विकास देखा गया है। सरकार का कहना है कि लगभग तीन दशक बाद जम्मू-कश्मीर में लोगों का जीवन 'नॉर्मल' हुआ है, पिछले तीन साल से स्कूल, कॉलेज और अन्य सार्वजनिक संस्थान कुशलतापूर्वक चल रहे हैं और अब पत्थरबाजी और धरने अतीत की बात हो गई है।

अपने शपथ पत्र में सरकार ने कहा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) जैसे केंद्रीय कानून और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षण (Reservation for Scheduled Castes and Scheduled Tribes) अब जम्मू और कश्मीर में भी लागू किये जा रहे हैं।

यह भी कहा गया है कि इस अनुच्छेद के निराकरण से आतंक-तंत्र (Terror Network) नष्ट हो गया है, जिला विकास परिषद हेतु सुचारु रूप से निर्वाचन हो रहा है, त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था जारी की गई है और लोगों की मांगों को पूरा करते हुए कश्मीरी, डोगरी, उर्दू और हिंदी को आधिकारिक भाषाओं की सूची में शामिल कर लिया गया है।

सरकार के फैसले के खिलाफ दायर हुईं थी याचिकाएं

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने यह शपथ-पत्र उन बीस याचिकाओं के जवाब में फाइल किया है जिन्हें अनुच्छेद 370 के निराकरण के खिलाफ दायर किया गया था। काफी समय बाद इन याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। इसके लिए उच्चतम न्यायालय ने एक नई संवैधानिक पीठ (Constitutional Bench) का गठन किया जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) करेंगे।

इस पांच सदस्यों वाली पीठ में जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा न्यायाधीश संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul), न्यायाधीश संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna), न्यायाधीश बी आर गवई (Justice BR Gavai) और न्यायाधीश सूर्य कांत (Justice Surya Kant) शामिल हैं।