अब्बास अंसारी को आज सुप्रीम कोर्ट से दो मामले में जमानत मिली है. इनमे में एक मामला चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान पत्नी से गैरकानूनी ढंग से मुलाकात का और दूसरा मनी लांड्रिंग के आरोप से जुड़ा है. दोनों मामलों में ज़मानत की अर्जी SC की अलग अलग बेंच के सामने आज पेंडिंग थी हालांकि दो केस ज़मानत मिलने के बावजूद अब्बास अंसारी अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि गैंगस्टर एक्ट के मामले उसको अभी ज़मानत नहीं मिल पाई है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयन की पीठ ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका को सुना. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाकर्ता पिछले डेढ़ साल से हिरासत में है और मामले में जांच पूरी हो चुकी है तथा आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, इसलिए उसे जमानत दी जाती है. अदालत ने अब्बास अंसारी को जांच में सहयोग करने के निर्देश देते हुए जमानत दी जाती है.
वहीं, सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि अंसारी को जमानत दी जा सकती है अगर वह या उसकी पत्नी मोबाइल फोन का पास-कोड बता दें, क्योंकि फोरेंसिक विभाग उसे खोल नहीं पा रहा है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि अंसारी कथित तौर पर जबरन वसूली का रैकेट चलाने के आरोप है.
अदालत ने अंसारी से उसकी पत्नी के मोबाइल फोन का पासकोड देने के बारे में पूछा. इस कपिल सिब्बल ने कहा कि वे अभी जमानत पर है और उनके फोन का पासवर्ड वो कैसे दे सकते हैं. हालांकि पीठ ने राहत देते हुए अंसारी को जमानत देने का फैसला सुनाया है.
वहीं, अदालत के सामने आज उसके वकील कपिल सिब्बल ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले में भी अंतरिम ज़मानत दिए जाने की मांग की है. सिब्बल ने दलील दी कि वो करीब डेढ़ साल से जेल में बंद है. लेकिन जस्टिस सूर्य कांत ने ऐसी कोई राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि आप हाईकोर्ट के सामने ही अपनी बात रखे.
अब्बास अंसारी के खिलाफ एक तीसरा मामला गैंगस्टर एक्ट से जुड़ा है. बहस के दौरान कपिल सिब्बल ने उस मामले में भी जमानत की मांग की. इस सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा है कि वो चार हफ्ते की समयसीमा में अब्बास अंसारी की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई कर फैसला सुनाए, जिसके चलते अब्बास अंसारी को रिहाई में देरी होने के आसार है.