नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता अखिलेश पति त्रिपाठी को एससी/एसटी अधिनियम के तहत दोषी घोषित किया है. उन पर कथित रूप से एक लॉ स्टूडेंट को पीटने और अनुचित शब्दों का प्रयोग करने का आरोप है.
मॉडल टाउन से आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ दायर इस मामले में अदालत ने 16 मार्च को फैसला सुरक्षित रखा था. अदालत ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए आप नेता को दोषी घोषित किया है.
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत ने आईपीसी की धारा 323 के तहत त्रिपाठी को दोषी करार दिया.वहीं आप नेता को आईपीसी की धारा 341/506 (1) और SC/ST एक्ट की धारा 3 (1) के आरोपों से बरी कर दिया है.
अदालत के विधायक की सजा पर 13 अप्रैल को सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाएगी.
अदालत ने अपने फैसले में कहा 'इस मामले में आरोपी के खिलाफ ये तय नहीं किया जा सका कि उन्होंने शिकायतकर्ता के खिलाफ कोई जाति संबंधी टिप्पणी की है। आरोपी के खिलाफ अनुसूचित जाति की वजह से शिकायतकर्ता को अपमानित या डराने का इरादा साफ नहीं हो पाया।.
अदालत ने त्रिपाठी को 10 दिनों के भीतर अपनी संपत्ति और आय का हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया. इसके अलावा सरकार को भी आदेश दिया कि सात दिनों के भीतर अभियोजन एजेंसी द्वारा किए गए खर्च का हलफनामा पेश करे.
गौेरतलब है कि यह मामला विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पूर्व का है. मामले मे ंसंजीव कुमार ने आरोप लगाया था कि 7 फरवरी 2020 की रात करीब 11:35 बजे जब वह अपने दोस्त राज किशोर के साथ अपने घर जा रहे थे तो त्रिपाठी ने अपने समर्थकों के साथ उन्हें झंडेवालान चौक पर उन्हें रोक लिया.
विधायक पर आरोप है कि उन्होंने उसकी स्कूटी की चाबी छीन ली और बुरी तरह पीटा. आरोपी विधायक त्रिपाठी आप से चुनाव लड़ रहे थे जबकि शिकायतकर्ता और उनके पिता बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा का समर्थन कर रहे थे.