64 वर्षीय बिजनेसमैन राम इसरानी ने ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी है. बिजनेस मैन ने अपनी याचिका में कहा कि ED ने उन्हें गिरफ्तार करने के तुरंत बाद मजिस्ट्रेट के सामने भी पेश नहीं किया. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि आरोपी से रात के समय में भी पूछताछ की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए ED से कारण बताने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्ति को छुट्टियों में बैठने वाली पीठ के सामने अंतरिम जमानत के लिए आवेदन करने की राहत दी है.
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. बेंच ने याचिकाकर्ता को छुट्टियों के समय बैठने वाली बेंच के पास जमानत के लिए अनुमति दी.
बेंच ने एजेंसी को नोटिस जारी किया. बेंच ने सेन्ट्रल एजेंसी सेक्शन के जरिए स्थायी काउंसिल को दस्ती नोटिस दें. बेंच ने नोटिस का जवाब तीन सप्ताह के भीतर देने को कहा है.
दस्ती नोटिस: व्यक्तिगत रूप से नोटिस दूसरे पक्ष को दिया गया है.
64 वर्षीय बिजनेसमैन राम इसरानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में उन्होंने ED पर अवैध तरीके से गिरफ्तारी के आरोप लगाए है. याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है जिसमें उच्च न्यायालय ने व्यक्ति की अरेस्ट को रद्द करने से मना किया है. बता दें कि ED ने बैंक फ्रॉड केस में बिजनेसमैन राम इसरानी को गिरफ्तार किया है.
याचिका में आगे कहा. पिछले साल, 7 अगस्त के दिन ED ने उन्हें पूछताछ करने के लिए ऑफिस में बुलाया. देर रात तक, करीब 10:30 बजे से लेकर 3:00 बजे सुबह तक पूछताछ. 8 अगस्त को करीब 5:30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस दौरान करीब उन्हें 20 घंटे तक जागना पड़ा.