सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 के हत्या मामले में बरी किए जाने के मामले में गुरमीत राम रहीम सहित पांचों आरोपियों से जवाब मांगा है. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले को 28 मई के दिन सुनेगी. केन्द्रीय जांच अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें 2002 के मर्डर केस में राम रहीम सहित चार अन्य आरोपियों को बरी किया था.
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार ने नोटिस जारी कर मामले में बरी किए गए लोगों से जवाब मांगा है. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में 28 मई 2024 को सिंह और चार अन्य को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सीबीआई ने याचिका दायर की है.
यह मामला 10 जुलाई 2002 की शाम डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या से जुड़ा है, जिनकी हत्या अज्ञात लोगों ने गोली मारकर की. घटना के अगले साल 2023 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सीबीआई की जांच के बाद अदालत ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसे सभी आरोपियों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दिया.हाईकोर्ट ने सजा को रद्द करते हुए राम रहीम सहित पांचों आरोपियों को बरी कर दिया. फैसले में कोर्ट ने कहा कि जिस हथियार का जिक्र किया गया, वह घटना के समय शस्त्रागार में था. इसके अलावा, जांच एजेंसी ने अपराध में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद करने में असमर्थ रही. गवाहों के अनुसार, गाड़ी में चार लोग फायरिंग कर रहे थे, लेकिन बाकी तीन हथियार कहां गए. हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच में खामियां पाते हुए जांच को विश्वसनीय मानने से इंकार करते हुए पांचों आरोपियों को बरी कर दिया.