नई दिल्ली: देश और दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान को देखने का मोह कोई नहीं छोड़ पाता. हर साल 12 फरवरी को पर्यटकों के लिए खोला जाने वाला मुगल गार्डन का हाल ही में नामकरण करते हुए अमृत उद्यान किया गया है. इस बार इस उद्यान को 31 जनवरी को आम जनता के लिए खोला गया है.
देश-विदेश से हजारों पर्यटक इसे देखने आते हैं लेकिन रविवार को इस अमृत उद्यान का नजारा अलग ही था. अदालतों में बैठकर आदेश देने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज अमृत उद्यान गार्डन देखने पहुंचे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विशेष आमंत्रण पर सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ रविवार सुबह सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों के साथ राष्ट्रपति भवन के ‘अमृत उद्यान’ का भ्रमण करने पहुंचे थे.
अमृत उद्यान पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इस उद्यान में करीब 2 घंटे से भी अधिक समय बिताया.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ अपनी पत्नी और दोनो बेटियों के साथ सुबह करीब 9 बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचे. सीजेआई खुद अपनी दोनों बेटियों को व्हील चैयर बैठाकर अमृत उद्यान का भ्रमण कराते नजर आए.
अन्य जजों में सीजेआई के साथ सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एस के कौल, जस्टिस के एम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी सहित अन्य जज अपने परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे थे.
राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर राष्ट्रपति की ओर से सीजेआई सहित सभी जजों का स्वागत किया गया. करीब दो घंटे से भी अधिक समय तक सुप्रीम कोर्ट के जजों ने मुगल गार्डन की खूबसूरती देखी.
भ्रमण के पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से राष्ट्रपति भवन में ही हाई टी का भी आयोजन किया गया.
राष्ट्रपति भवन का प्रसिद्ध मुगल गार्डन अब ‘अमृत उद्यान’ के नाम से जाना जाता है. हाल ही में इस गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया गया है. यह उद्यान साल में एक बार जनता के लिए खोला जाता है. प्रतिवर्ष इसे 12 फरवरी को खोला जाता है.
राष्ट्रपति द्वारा इस उद्यान का उद्घाटन किए जाने के बाद 31 जनवरी के लिए आम जनता के लिए खोला गया है. सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक के बीच पहले से बुक किए गए सात स्लॉट उपलब्ध रहते है, गार्डन में अंतिम प्रवेश शाम चार बजे तक दिया जाता है. प्रत्येक स्लॉट में अधिकतम 100 लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी.
मुगल शैली में बना अमृत उद्यान कुल 15 एकड़ में फैला हुआ है. मुगल गार्डन का निर्माण आजादी से कुछ साल पहले 1928 में तैयार किया गया. 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता को बदलकर दिल्ली बनाई. तब रायसीना की पहाड़ी को काटकर वायसराय हाउस (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) का निर्माण कराया गया. जिसे एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था. लुटियंस ने मुगल गार्डन का नक्शा खींचा. लुटियंस ने साल 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया था और यह साल 1928 में बनकर तैयार हुआ था.
अमृत उद्यान अपने किस्म का अकेला ऐसा बाग है, जिसमें ट्यूलिप, गुलाब, समेत विश्व भर के रंग-बिरंगे फूलों सैकड़ों प्रजातियां हैं. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने इस गार्डन को आम जनता के लिए खुलवाया था, तब से आज तक हर साल बसंत ऋतु में इस गार्डन को आम लोगों के लिए खोला जाता है.