नई दिल्ली: हमारे देश के कानून में cyber fraud और blackmailing जैसे अपराध के लिए IPC और CrPC की धाराओं में सजा का प्रावधान हैं. लेकिन सेक्सटॉर्शन को कहीं भी विशेष रूप से परिभाषित नहीं किया है.
सेक्सटॉर्शन के उभरते अपराध से निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं माने जाते हैं. इसके अलावा, इस अपराध को विशेष रूप से संबोधित करने वाला कोई कानून भी नहीं है. कई युवा पुरुष,महिलाएं, बच्चे और वयस्क सेक्सटॉर्शन का शिकार हो जाते हैं परन्तु सामाजिक कलंक की आशंका और जागरूकता ना होने से लोग मामले दर्ज कराने से बचते हैं.
सोशल मीडिया साइट्स जंहा हमें नई डिजिटल दुनिया से रुबरु करते हैं वहीं इसके दुरुपयोग से हम स्वयं या दुसरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. इसलिए आवश्यक है की हम इन साइट्स का उपयोग सावधानी बरतते हुए करें और उपयोग से पूर्व होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में अच्छे से जान लें.
सोशल साइट्स के नियम (do and don't) कानून को अवश्य पढ़े
डेटा सुरक्षा के लिए सुरक्षा और privacy सेटिंग के बारे में जाने और उनका उपयोग करें
इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से अपने निजी डेटा, तस्वीरों या वीडियो को साझा करने से बचें
अज्ञात प्रेषकों के अटैचमेंट न खोलें;
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अजनबियों के अनुरोधों को स्वीकार करके उनका मनोरंजन ना करें
यदि आप कोई संदिग्ध गतिविधि देखते हैं तो उपयोगकर्ता(user) को साइट पर रिपोर्ट करें
कभी भी किसी व्यक्ति को, चाहे वह आपका कितना भी करीबी क्यों न हो, किसी भी अंतरंग(intimate) गतिविधि की तस्वीर या वीडियो लेने की अनुमति न दें
अपने डिवाइस पर भी अंतरंग निजी डेटा संग्रहीत करने से बचें
अपने डेटा की बेहतर सुरक्षा के लिए द्वि-चरणीय सत्यापन (two-step verification) उपायों का उपयोग अवश्य करें
संदिग्ध पॉप-अप पर क्लिक करने से बचें जो डेटिंग सेवाओं (dating services) की पेशकश करने का दावा करते हैं
उपयोग में न होने पर, अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और वेबकैम को बंद कर दें
साइबर क्राइम से पीड़ित होने पर अपने नजदीकी साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें या Cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें
अपने किसी विश्वसनीय व्यक्ति से संपर्क करें
चुप रह कर अपराध को बढ़ावा न दें
पुलिस को सूचना दें और रिपोर्ट दर्ज करवाएं
अपराधी के साथ सभी तरह के संचार काट दें
अपराध से संबंधित सभी संचार का रिकॉर्ड रखें और कुछ भी न हटाएं
साइबर क्राइम के क्षेत्र के किसी जानकार वकील से मिलकर सलाह करें
साइबर अपराध का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं होता है इसलिए शिकायत कहीं भी दर्ज की जा सकती है. साइबर-ब्लैकमेल के शिकार गुमनाम रूप से www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट कर सकते हैं. शिकायत दर्ज करने के लिए पीड़ित को अपना मोबाइल नंबर और नाम देकर इस वेबसाइट पर एक खाता बनाना होगा. पीड़ित इंटरनेट पर अपने मामले को ट्रैक भी कर सकता है.
यदि पीड़ित ने घटना की ऑनलाइन रिपोर्ट www.cybercrime.gov.in पर की है, तो पीड़ित द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.
Attorney Registration and Disciplinary Commission (ARDC) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी शहर में तीन जगहों पर जाकर किसी संदिग्ध व्यक्ति की शिकायत कर सकता है:
साइबर सेल, पुलिस विभाग के आपराधिक जांच विभाग के अधिकार क्षेत्र में होते हैं, जिनको विशेष रूप से साइबर अपराध पीड़ितों के मदद के लिए स्थापित किया गया है. पीड़ित व्यक्ति साइबर सेल में एफआईआर दर्ज करा सकता है. यदि पीड़ित व्यक्ति के निवास क्षेत्र में साइबर सेल उपलब्ध नहीं है, तो वो स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी एफ.आई.आर. दर्ज करा सकता है. यदि वो एफआईआर दर्ज करने में असमर्थ हैं तो पुलिस आयुक्त से भी संपर्क कर सकते हैं.
यह एक गैर-लाभकारी संगठन (Non-Profit Organisation) हैं, जो इंटरनेट दुरुपयोग के शिकार लोगों की सहायता करता है. इस आयोग के पास मौके की जांच करने, सबूत इकट्ठा करने, गवाहों से पूछताछ करने और आरोपी को बुलाने के अधिकार के साथ एक जांच समिति नियुक्त करने का अधिकार भी है ताकि जांच में तेजी हो.
यदि किसी माध्यम से शिकायत करना मुश्किल है. तो ऐसी स्थिती में सोशल मीडिया वेबसाइटों पर रिपोर्ट करना भी एक उचित विकल्प हैं. 2011 के IT Regulation के बाद अधिकांश वेबसाइटों के पास अपराध की रिपोर्ट करने का विकल्प होता और उन्हें आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सूचना प्राप्त करने के 36 घंटे के भीतर कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है.
कानूनन ब्लैकमेल और सेक्सटॉर्शन करना एक गंभीर अपराध है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए. अगर कोई किसी को ब्लैकमेल कर रहा है, तो पीड़ित को हमेशा कानून से मदद लेनी चाहिए ना की चुपचाप सहना चाहिए. इन अपराधों को चुपचाप सह कर आप ना केवल अपराधी को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि स्वयं को भी मानसिक तनाव से ग्रस्त करते हैं.