सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में साफ किया है कि अगर अदालत में किसी आरोपी के खिलाफ सबूत ऐसी भाषा में रिकॉर्ड किए जाते है, जिसे वो समझता ही नहीं है तो ऐसी सूरत में उसे आरोपी को उसकी भाषा मे समझाया जाना चाहिए. आरोपी के लिए उसका अनुवाद होना चाहिए. कोर्ट ने मर्डर के केस में आरोपी को बरी करते हुए पब्लिक प्रासीक्यूटर, लीगल एड और ट्रायल कोर्ट के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए है. कोर्ट ने इस फैसले की कॉपी सभी स्टेट लीगल सर्विस ऑथोरिटी को भेजने को कहा है.