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'भवन के विस्तार से SC की न्यायिक क्षमता भी बढ़ेगी', CJI DY Chandrachud ने नई बल्डिंग की आधारशिला रखते हुए कहा

जस्टिस बीआर गवई ने परियोजना के लिए राशि आवंटित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि आज हम हमारी न्यायप्रणाली के भविष्य की आधारशिला रख रहे हैं, जो आधुनिकता का वादा करता है. जैसे-जैसे राष्ट्र विकसित होता है, वैसे-वैसे हमारी कानूनी प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियां भी बढ़ती हैं.

Written by My Lord Team |Updated : October 15, 2024 11:41 AM IST

भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट परिसर का विस्तार नागरिकों के लिहाज से न्याय के लिए क्षमता निर्माण के अलावा न्याय के सिद्धांतों एवं कानून व्यवस्था को लेकर सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है. सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट के विस्तार के लिए आयोजित समारोह के दौरान कहा कि यह जगह का विस्तार नहीं बल्कि समयबद्ध और गरिमापूर्ण तरीके से न्याय देने की क्षमताओं का विस्तार करना है.

जैसे-जैसे राष्ट्र आगे बढ़ेगा, कानूनी चुनौतियां भी बढ़ेगी

मौके पर जस्टिस बी आर गवई ने परियोजना के लिए राशि आवंटित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि आज हम हमारी न्यायप्रणाली के भविष्य की आधारशिला रख रहे हैं. एक ऐसा भविष्य जो प्रगति, सुलभता और आधुनिकता का वादा करता है. जैसे-जैसे राष्ट्र विकसित होता है, वैसे-वैसे हमारी कानूनी प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियां भी बढ़ती हैं.

सीजेआई के अलावा, केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और बीआर गवई ने भी सभा को संबोधित किया.सीजेआई ने कहा कि शीर्ष अदालत का विस्तार बढ़ते मामलों के बोझ, नयी न्यायिक शाखाओं और न्यायाधीशों, वकीलों तथा नागरिकों की जरूरतों को देखते हुए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मूल संरचना ऐसी ही रहेगी, वहीं परिसर का अन्यत्र विस्तार नयी आधुनिक सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा.

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795 करोड़ की लागत से SC का होगा भवन विस्तार

मेघवाल ने इस अवसर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के भवन का प्रस्तावित विस्तार, नया संसद भवन और सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका को बेहतर अवसंरचना प्रदान करने के प्रयासों का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय भवन विस्तार परियोजना को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा 795 करोड़ रुपये की लागत से अगले पांच साल में दो चरणों में पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह परियोजना न्यायपालिका के लिए ‘कार्य सुगमता’ सुनिश्चित करेगी.

न्यायमूर्ति बी आर गवई ने इस विस्तार परियोजना के लिए 795 करोड़ रुपये स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है. उन्होंने समारोह में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि न्याय का अधिकार मौलिक अधिकार है और अदालत कक्षों, वकीलों के कक्षों आदि के साथ नया अत्याधुनिक भवन नागरिकों को तेजी से न्याय दिलाने में कारगर होगा. सरकार के योगदान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यपालिका के सहयोग के बिना हम इस परियोजना को लागू नहीं कर सकते थे. मैं प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताता हूं जिन्होंने 20 नवंबर, 2023 को इसी मंच से घोषणा की थी कि सरकार ने इस परियोजना के लिए 800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं.