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चीफ जस्टिस के बंगले से हनुमान मंदिर हटाने का दावा निराधार: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट प्रशासन

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय प्रशासन ने रविवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया कि मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के सरकारी बंगले से एक मंदिर हटा दिया गया है. उच्च न्यायालय प्रशासन ने कहा कि ऐसी निराधार खबरें न्याय प्रशासन में सीधा हस्तक्षेप हैं और इसलिए इन्हें अवमाननापूर्ण प्रकृति का माना जा सकता है.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

Written by My Lord Team |Published : December 30, 2024 2:32 PM IST

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय प्रशासन ने मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) के बंगले से मंदिर हटाने के आरोपों का खंडन करते हुए इन खबरों को निराधार और अवमाननापूर्ण बताया है. रजिस्ट्रार जनरल धरमिंदर सिंह ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से झूठे और भ्रामक हैं. लोक निर्माण विभाग ने पुष्टि की कि मुख्य न्यायाधीश के आवास पर कभी कोई मंदिर नहीं था. बयान में मीडिया से अपील की गई है कि वे ऐसी अपुष्ट जानकारी का प्रचार न करें.

चीफ जस्टिस के बंगले में कोई मंदिर नहीं: हाईकोर्ट प्रशासन

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय प्रशासन ने रविवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया कि मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के सरकारी बंगले से एक मंदिर हटा दिया गया है. उच्च न्यायालय प्रशासन ने कहा कि ऐसी निराधार खबरें न्याय प्रशासन में सीधा हस्तक्षेप हैं और इसलिए इन्हें अवमाननापूर्ण प्रकृति का माना जा सकता है. मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धरमिंदर सिंह ने एक बयान में कहा कि उच्च न्यायालय के संज्ञान में आया है कि मुख्य न्यायाधीश के बंगले से एक (हनुमान) मंदिर को हटाने का आरोप लगाते हुए कुछ खबरें प्रसारित की जा रही हैं। ये खबरें पूरी तरह से झूठी, भ्रामक और निराधार हैं. मैं इन दावों का पुरजोर खंडन करता हूं. रजिस्ट्रार जनरल ने दावा किया है कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने भी मामले को स्पष्ट किया है और पुष्टि की है कि मुख्य न्यायाधीश के आवास पर कभी कोई मंदिर मौजूद नहीं रहा है. बयान में कहा गया कि न्यायपालिका के बारे में गलत बयानबाजी करने के प्रयास न केवल कानून के शासन को कमजोर करते हैं, बल्कि न्यायिक स्वतंत्रता की पवित्रता के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं। बयान में मीडिया संस्थानों और लोगों से ऐसी अपुष्ट जानकारी को प्रसारित नहीं करने का आग्रह किया गया है.

एमपी HC बार एसोसिएशन ने CJI को लिखी चिट्ठी

कुछ दिन पहले, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन ने सीजेआई संजीव खन्ना को लिखी चिट्ठी में दावा किया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के बंगले में स्थापित हनुमान मंदिर को हटा दिया गया है, चूंकि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का आवास सरकारी बंगला है, इसलिए मंदिर भी सरकारी संपत्ति है और ऐसे में बंगले से मंदिर को हटाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. चिट्ठी में यह भी कहा गया कि उस बंगले में मुस्लिम जज भी रहे लेकिन किसी ने उसे नहीं हटाया, साथ ही सरकारी आवास में बने उस मंदिर को बिना किसी वैधानिक आदेश के नहीं हटाया जा सकता था. बार एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत पर मंदिर को ध्वस्त कराने के आरोप लगाए थे, चिट्ठी में दावा किया गया कि चीफ जस्टिस कैत बुद्धधर्म को मानते हैं इसलिए उन्होंने ऐसा किया.

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हालांकि, हाईकोर्ट प्रशासन ने दावों का खंडन किया है.