उत्तर प्रदेश में सड़क चौड़ीकरण के दौरान रातोरात घर को ध्वस्त करने से जुड़े मामले की सुनवाई करते सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दिशानिर्देश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी नागरिक का घर ध्वस्त करने से पहले इन दिशानिर्देशों को अपनाना अनिवार्य है. सर्वोच्च न्यायालय का ये फैसला यूपी के महराजगंज जिले में सड़क चौड़ीकरण के दौरान घरों को ध्वस्त करने से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों की चिट्ठी पर इस मामले को स्वत: संज्ञान में लिया था.
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने स्वत: संज्ञान लिए मामले को सुना. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को साफ कहा कि इस कार्रवाई में किसी तरह की कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है, एक तरह से ये मामला ऐसा है जिसमें अधिकारियों ने कानून को अपने हाथ में लिया है. अदालत ने यूपी सरकार को पीड़ितों को 25 लाख का मुआवजा देने को कहा है, साथ ही आवासीय घरों के ध्वस्तीकरण में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने रजिस्ट्रार को आदेश दिया कि इस फैसले की कॉपी वे सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेश को भेजे.