दिल्ली के मुख्यमंत्री के जेल में होने की वजह से एक दोषी की सजा माफी की याचिका पर सुनवाई में हो रही देरी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या सीएम के जेल में रहने से सजा माफी की फाइलों पर साइन करने पर रोक लगी हुई है? सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में इस मामले पर अपना फैसला सुनाने के निर्देश दिए है. अब इस मामले की सुनवाई अगले महीने होगी.
सुप्रीम कोर्ट: क्या ऐसा नियम है जिसके चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में रहने के चलते सज़ा में छूट की मांग वाली फ़ाइलों पर दस्तखत नहीं कर सकते!
सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल हरप्रीत सिंह नाम के शख्श की याचिका की सुनवाई के दौरान किया जिसकी रिहाई की मांग वाली अर्जी सीएम के हस्ताक्षर न होने के चलते कई महीने से लंबित है. कोर्ट को बताया गया कि मुख्यमंत्री के जेल में रहने के चलते समय से पहले रिहाई की मांग वाली अर्जियों पर अभी फैसला नहीं हो पा रहा है. इस पर अदालत ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि क्या सीएम के इन फ़ाइल पर दस्तखत करने पर रोक है!
ASG भाटी: इससे पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी है. ये अपने आप में पहला मामला है (जब मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए कोई जेल में है) केजरीवाल की जमानत पर कल आदेश सुरक्षित रखा जा चुका है. मैं इस बारे में निर्देश लेकर कोर्ट को अवगत कराऊंगी.
जस्टिस ओक: यह मसला सिर्फ एक केस तक सीमित नहीं है. दूसरे मामलों में भी ये सवाल उठ सकता है. लोगों की व्यक्तिगत आजादी से जुड़े मसले को यूं ही पेंडिंग नहीं रखा जा सकता. आप इस पर अपना रुख स्पष्ट करें अन्यथा हम आर्टिकल 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 23 सितंबर के लिए टाल दी है.