हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक वकील पर दस हजार का जुर्माना लगाया है. कार्यवाही के दौरान अदालत के फैसला सुनाने के बाद भी वकील साहब जिरह करते रहे. वकील ने अदालत के प्रति अपने कर्तव्यों की जगह अपने मुवक्किल की मांग को रखते रहें. अदालत ने इस रवैये को अदालत की अवमानना पाया और वकील पर दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस कृष्णन पहल की पीठ सुनवाई कर रही थी. बहस खत्म होने पर अदालत ने फैसला सुनाया. फैसले पक्ष में नहीं वकील के पक्ष में नहीं आया. अदालत ने उनके मुवक्किल की जमानत की मांग को खारिज कर दिया. जिसे लेकर वकील अदालत के सामने अपनी बात रखते रहे, जिससे आगे की कार्यवाही बाधित हुई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके न्यायालय के प्रति अपने कर्तव्य की अनदेखी पाते हुए नाराजगी जाहिर की और दस हजार रूपये का जुर्माना लगाया.
फैसले के बाद भी एडवोकेट के जिरह करने के इस कृत्य को अदालत की अवमानना मामला पाया है,
जस्टिस ने कहा,
"न्याय अदालत में अधिवक्ताओं की दोहरी जिम्मेदारियों को रेखांकित करता है. जबकि उन्हें अपने मुवक्किलों के हितों प्रतिनिधित्व करने के साथ ही अदालत में सम्मानजनक और अनुकूल वातावरण बनाए रखना भी उनका एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है."'
जस्टिस ने आगे कहा,
"अधिवक्ताओं को व्यवधान पैदा करने के बजाय अदालत की सहायता करनी चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कार्यवाही व्यवस्थित और सम्मानजनक हो, जो न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा को बनाए रखता है."
अदालत ने वकील ने जुर्माना लगाते हुए कहा,
"आवेदक के वकील का रवैया निंदनीय है तथा उन पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है, जिसे आज से 15 दिनों के भीतर हाईकोर्ट के विधिक सेवा प्राधिकरण के खाते में जमा कराना होगा."
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकील को निर्देश दिया कि वे जुर्माने की राशि को 15 दिन के भीतर दिशानिर्देश के अनुसार जमा करा दें.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक वकील साहब मुवक्किल के लिए जमानत की मांग को लेकर जिरह कर रहे थे. उनके मुवक्किल पर एक महिला ने ब्लैकमेल कर रेप करने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने कहा कि आरोपी ने नहाते वक्त उसकी वीडियो बना ली थी और वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल किया, शारीरिक संबंध बनाए थे.
आरोपी क पक्ष वकील साहब रख रहे थे, अदालत के फैसले के बाद भी उलझे पड़े रहे जिससे अदालती कार्यवाही में बाधा हुई. अदालत ने इस रवैये पर उपरोक्त टिप्पणी के साथ दस हजार का जुर्माना लगाया है.