सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी एक कांग्रेस नेता है. पेशेवर वकील के तौर पर बेहद सफल भी हैं. आम आदमी पार्टी को राहत दिलाने को लेकर चर्चाओं में हैं. ये तराना गूंज ही रहा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ट्विटर अकाउंट ने एडवोकेट के साथ 'कैसे बने करोड़पति' खेलने की कोशिश की. कैसे बनें करोड़पति का ये खेल पहले ही राउंड में कैसे बंद हो गया? ट्विटर पर छिड़ी इस जंग का युद्ध बिना किसी फैसले के रूक गया. नेटीजन्स भी बिना रस का अनुभव लिए लौट गए, मन-मसोड़कर शांत चित्त, उन्हें शायद बुद्धत्व की प्राप्ति हुई हो. बुद्धत्व का जिक्र इसलिए कि कल तक जो बुद्धजीवी बीजेपी को भरपेट कोसते थे, तो अब उनके सेल्फ क्लेम्ड सरकार के मीडिया एडवाइजर बन गए हैं. सरकार सहनशील है, इसका फायदा उठाकर ज्यादा कहना अनुचित होगा, इसलिए कैसे बने करोड़पति, प्रजेन्टेड बाई बीजेपी वाले अपनी खबर पर आते हैं...
बीजेपी ट्विटर अकाउंट. एक पोस्ट की जाती है. सुंदर चित्र के साथ कैप्शन. कैप्शन में अभिषेक मनु सिंघवी को लेकर तंज थी, तो वहीं चित्र में फाइनेंशियल एडवाइजर बनने की गुजारिश. कुल गणित बिठाकर बीजेपी ने बताया कि अभिषेक मनु सिंघवी की आय साल 2006 से 2024 तक 2374% का हाईक दिखाते हुए 77.61 करोड़ से 1934 करोड़ तक पहुंच गई है.
Treasuring the 'price' of 'success'!
Abhishek Manu Singhvi aise bane crorepati!? pic.twitter.com/gNbtc4zOUc — BJP (@BJP4India) August 22, 2024
बीजेपी के इन दावों के बीच अभिषेक मनु सिंघवी ने सहमति जताते हुए जवाब दिया कि हां वे तैयार हैं, अगर बीजेपी अकाउंट से ये ट्वीट करनेवाले व्यक्ति ने अपने 714 करोड़ रूपये का टैक्स दिया हो. सीनियर एडवोकेट कहते हैं
"पे करोगे? हिम्मत है?"
Bjp trolls: happy to become your financial advisor if you also pay tax of 714 cr in last 10 years as an INDIVIDUAL.
Pay karoge? Himmat hai? https://t.co/GBJVIx9Ip6 — Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) August 22, 2024
अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा,
"ट्रोल्स, अगर उचित समझते तो मेरे लिए मूर्ति/सड़क नामकरण का सुझाव देते! इसके बजाय मुझे ट्रोल करते हो क्योंकि किसी और पार्टी से संबंध है? पिछले एक दशक में देश में लगातार सबसे अधिक करदाता की सूची में हूं! क्या आप सरकार को ईमानदार करदाताओं के टैक्स भुगतान करने के लिए ऐसे प्रोत्साहित करने की सलाह देते हैं?"
अभिषेक मनु सिंघवी ने ये भी कहा,
"मेरे द्वारा चुने गए पेशे में कड़ी मेहनत और भगवान के आशीर्वाद के साथ-साथ सार्वजनिक मुद्दों को उठाना, भले ही अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा के लिए हो, ट्रोलिंग नहीं बल्कि आपसी सम्मान बनाए रखना चाहिए. यह वाजपेयी, शेखावत या आडवाणी संस्कृति नहीं थी."
हालांकि, इसके बाद बीजेपी के ट्विटर अकाउंट ने किसी तरह का जवाब नहीं दिया.