नई दिल्ली: राष्ट्रीय ध्वज को हवा में लहराते हुए देखना एक रोमांच से भर देता है लेकिन यदि इसे आप अपने घर के ऊपर फहराना चाहते है कुछ सावधानी बरतनी पड़ेगी क्योंकि एक छोटी सी लापरवाही की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ज़्यादातर हम स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के दौरान राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल देखतें हैं और साथ ही अनजाने किये अनुचित व्यवहार भी देखते हैं . लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप राष्ट्रध्वज का अपमान करने के दोषी पाए जाते हैं तो सजा के पात्र हो सकते है क्योंकि इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है .
राष्ट्रीय ध्वज देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है. यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है और राष्ट्रीय ध्वज के लिए नागरिको का सार्वभौमिक स्नेह, सम्मान और वफादारी होनी चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज का महत्व केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हैं, इसलिए राष्ट्रीय ध्वज के खिलाफ किसी भी कृत्य को अपमानजनक और कुछ मामलों में अपराध के रूप में भी देखा जाता है.
भारत में राष्ट्रीय ध्वज की सुरक्षा और उसका सम्मान सुनश्चित करने के लिए कानून पारित किये गए है जिनमे, राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम, 1971 (Prevention of Insults to National Honour Act, 1971) शामिल है. इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत हर भारतीय के लिए पहला मौलिक कर्तव्य राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना है.
कैसे कृत्यों को अपमान माना जाएगा, इसे राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम के अंतर्गत कवर किया गया है. इस अधिनियम के तहत, कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज को जलाता है, नष्ट करता है, विरूपित करता है या बोले या लिखे गए शब्दों से ध्वज का अपमान करना माना जाएगा जबकि "भारतीय राष्ट्रीय ध्वज" में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का कोई भी चित्र, पेंटिंग, या तस्वीर, या अन्य दृश्य प्रतिनिधित्व शामिल है.
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर तब भी होता है जब कोई व्यक्ति ध्वज के बारे में कुछ कहता है और यह तिरंगे का घोर अपमान करता है या किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज को नीचे करना या.
एक ध्वज को तब तक आधा झुकाया नहीं जाना चाहिए जब तक कि ऐसी स्थिति न आये जहा उसे झुकना नियम हो जैसे कि भारत के मुख्य न्यायाधीश या संसद के अध्यक्ष की मृत्यु के अवसर पर.
किसी भी चीज़ को ढकने के लिए राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना भी अपमान माना जाएगा, जब तक कि इसे राज्य या सैन्य अंतिम संस्कार में इस्तेमाल न किया जाये.
पोशाक के रूप में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना या इसे वर्दी या कुशन, रूमाल, नैपकिन पर प्रिंट करना या यहां तक कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर किसी भी प्रकार का शिलालेख लगाना प्रतिबंधित है.
किसी मूर्ति या डेस्क को ढंकने के लिए राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करना या ध्वज को जानबूझकर जमीन को छूने देना या ध्वज को किसी वाहन, कार,नाव, ट्रक या हवाई जहाज के ऊपर, पीछे या बगल में लपेटना राष्ट्रगौरव अपमान-निवारण अधिनियम के तहत अपमान माना जाएगा.
कोई भी व्यक्ति जो ऊपर वर्णित किसी भी कार्य के माध्यम से या यहां तक कि शब्दों या संकेतों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करता है, उसे तीन साल तक के कारावास या जुर्माने या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है.
जबकि अगर किसी व्यक्ति को दूसरी बार राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का दोषी पाया जाता है तो उसे एक वर्ष से कम की कैद नहीं होनी चाहिए और अधिनियम में ऊपरी सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है.