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Hate Speech क्या है, कानून के तहत इस अपराध की क्या है सज़ा?

वहीं अगर ऐसे अपराध पूजा के स्थान, या धार्मिक पूजा या धार्मिक समारोहों में लगे एक सभा में किया जाता है तो यह सजा पांच साल भी हो सकती है.

Hate Speech

Written by My Lord Team |Published : May 2, 2023 9:23 AM IST

नई दिल्ली: हमारे देश में बोलने की आजादी तो है साथ ही साथ कुछ प्रतिबंध भी है जिसका उल्लंघन करना अपराध माना जाता है. अगर कोई कुछ ऐसा बोलता है जिससे समाज की शांति भंग हो सकती है तो उसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) 1860 की धारा 153A, 153B, 295A, 298, और 505 के तहत सजा दी जाएगी.

IPC की ये धाराएं हेट स्पीच, धार्मिक विश्वासों को अपमानित करने वाले या राष्ट्रीय एकता के लिए लांछन पैदा करने वाले मामलों से निपटने में मदद करती हैं.

IPC की धारा 153ए

इसके तहत, 'धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी का प्रचार करना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना', तीन साल की कैद से दंडनीय अपराध है.

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वहीं अगर ऐसे अपराध पूजा के स्थान, या धार्मिक पूजा या धार्मिक समारोहों में लगे एक सभा में किया जाता है तो यह सजा पांच साल भी हो सकती है.

IPC की धारा 505

इसके तहत "सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान" देना अपराध माना गया है. वहीं कोई ऐसा बयान, प्रकाशन, रिपोर्ट या अफवाह या जिससे लोगों के मन में डर उत्पन्न् हो या जिससे लोग राज्य या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित हो, या सशस्त्र बलों द्वारा विद्रोह को बढ़ावा देता हो, या ऐसा डर पैदा करता हो जिससे लोग राज्य या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित हों; या किसी वर्ग या समुदाय को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाने या उकसाने का इरादा है. तो धारा 505(1) के तहत तीन साल तक की जेल की सजा से दंडित किया जाएगा.

धारा 505(2)

इसके तहत दो या दो से अधिक वर्गों के बीच दुश्मनी, नफरत या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान देना अपराध है.

उप-धारा (3) के तहत, वही अपराध अगर पूजा के स्थान पर, या धार्मिक पूजा या धार्मिक समारोहों में शामिल किसी सभा में होता है, तो उसे पांच साल की जेल की सजा हो सकती है.

IPC की धारा 153C डालने की सिफारिश

भारतीय विधि आयोग की 267वीं रिपोर्ट जिसका शीर्षक The "Hate Speech" है, एमपी बेजबरुआ कमेटी और टीके विश्वनाथ कमेटी ने भारतीय दंड संहिता में एक नई धारा 153सी डालने की सिफारिश की है, जिसका उद्देश्य नफरत फैलाने वाले भाषणों पर अंकुश लगाना है. विधि आयोग से 11.01.2018 को इन तीनों सिफारिशों की जांच करने और एक व्यापक बधिर प्रावधान देने का अनुरोध किया गया है.