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Banking Sector में वकीलों के लिए क्या हैं करियर की संभावनाएं

अगर आपसे पूछा जाए कि Banking sector में वकीलों का क्या काम होता है ? तो शायद आप में से ज्यादातर लोग यही कहेंगें, बैंक के लिए कानूनी सलाह देना और कोर्ट में बैंक का प्रतिनिधित्व करना. लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है. Lawyers के लिए बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं है. इसमें बैंक से लेकर ग्राहकों तक को सुविधाएं प्रदान करने से जुड़े काम है.

Written by My Lord Team |Published : April 7, 2023 1:20 PM IST

नई दिल्ली: ज्यादातर लोगो का मानना है कि वकीलों का काम कोर्ट में केस लड़ना ही होता है. यह सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि लॉ के स्टूडेंट्स भी कोर्टरूम को ही अपना भविष्य मानते है. लेकिन वकीलों के लिए कई अलग-अलग क्षेत्रों में करियर बनाने की संभावनाएं है. ऐसा ही एक क्षेत्र है Banking sector. यहां हम समझेंगें एक वकील के लिए या वकालत की पढाई कर रहे students के लिए बैंकिंग सेक्टर में क्या संभावनाएं हैं।

अगर आपसे पूछा जाए कि Banking sector में वकीलों का क्या काम होता है ? तो शायद आप में से ज्यादातर लोग यही कहेंगें, बैंक के लिए कानूनी सलाह देना और कोर्ट में बैंक का प्रतिनिधित्व करना. लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है. Lawyers के लिए बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं है. इसमें बैंक से लेकर ग्राहकों तक को सुविधाएं प्रदान करने से जुड़े काम है.

Banking Sector में lawyers की भूमिका

एक स्वतंत्र बैंकिंग वकील या कोई Financial Law Firm या फिर बैंक के वकील होने पर आपके निम्न प्रकार के कार्य कर सकतें हैं ।

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RTI से जुड़े केसों का निवारण : बैंकिंग लॉयर को बैंक से जुड़े RTI मामलों को निपटने की जिम्मेदारी भी दी जाती है

Loan recovery से जुड़े मामलों का निवारण: बैंकों के लिए कई बार कर्ज में दिया पैसा निकलवाना बड़ी सिरदर्दी का काम होता है. ऐसे मामलों का कानूनी हल निकलवाना भी बैंकिंग लॉयर का काम है।

दिवालियापन से जुड़े मामलों का समाधान: कई मामलों में Loan लेने के बाद लोग खुद को दिवालिया घोषित कर देते है. ऐसे में दिवालिया होने के बाद कोर्ट की कार्यवाही बैंकिंग वकील द्वारा ही निपटाई जाती है।

विवादों का निस्तारण: बैंक से जुड़े विवादों के निस्तारण, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप तैयार करने जैसे कार्यों को भी निपटना भी बैंकिंग वकील का काम है।

Bank Policies को रिव्यु करना: बैंक पॉलिसीज को रिव्यु करना, बैंक सम्बंधित सवालों का जवाब देना तथा शिकायतों का निस्तारण करना भी बैंकिंग लॉयर का काम है।

NPA से जुड़े मामलों से निपटना: NPA यानी Non-Performing Assets का सैटलमेंट से जुड़े काम भी बैंकिंग लॉयर के द्वारा ही निपटाए जाते हैं.

इन कामों के अलावा lease deeds बनाना या उन्हें रिव्यु करना, Bank policies पर रिसर्च करना, रियल स्टेट, insurance, Foreign exchange investment और Taxation से जुड़े मामले देखना भी Banking lawyer का काम होता है. ये तो हुई बैंकिंग लॉयर की भूमिका की बात. चलिए अब जानते है लॉयर्स बैंकिंग क्षेत्र में किन किन पदों पर काम कर सकते है।

Law Officer: लॉ ऑफिसर वो व्यक्ति होता है, जिसपर बैंक से जुडी सभी कानूनी कार्यों या गतिविधियों के देखभाल की जिम्मेदारी होती है

Compliance Officer: कंप्लायंस ऑफिसर वो व्यक्ति होता है, CEO यानी Chief operating officer और ऑडिट कमेटी के साथ काम करता है. इसका मुख्य कार्य ये सुनिश्चित करना है कि बैंकिंग संस्थान द्वारा RBI के सभी नियामक दिशानिर्देशों और सरकार के वैधानिक मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाता है।

Investment Banking: इन्वेस्टमेंट बैंकर का काम फंड, लोन, स्टॉक, से लेकर आर्थिक लेन-देन का रख रखाव है. इन्वेस्मेंट बैंकर की जॉब को हाई पेइंग जॉब्स में गिना जाता है. अगर आपकी रूचि गणित और एकाउंट्स में रही है तो आपको निश्चित ही इस पोस्ट के लिए तैयारी करनी चाहिए.

Tax Consultant: टैक्स कंसलटेंट बनने के लिए आपको लॉ के साथ साथ finance expert भी होना होगा. इसके साथ ही आपकी कम्युनिकेशन स्किल भी अच्छी होनी चाहिए.

इन पदों के साथ-साथ आप Contract Lawer, HR Manager, Legal Analyst, Private Equity Lawyer के रूप में भी काम कर सकते हैं.