फ़ोन पर धमकी देना एक गंभीर अपराध है, जानिये IPC के तहत सजा का प्रावधान?
ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला इनेलो प्रमुख एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं और वह इस समय राज्य में ‘परिवर्तन पदयात्रा’ पर हैं।
ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला इनेलो प्रमुख एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं और वह इस समय राज्य में ‘परिवर्तन पदयात्रा’ पर हैं।
भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाली कई घटनाओं को अपराध की श्रेणी में डाला गया है; ऐसे में वैवाहिक बलात्कार देश में एक दंडनीय अपराध क्यों नहीं है? कानून में इसके बारे में क्या कहा गया है और यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा का विषय क्यों है, जानिए...
सर्वोच्च न्यायालय या किसी भी उच्च न्यायालय में एक एक्टिंग चीफ जस्टिस कब और क्यों नियुक्त किये जाते हैं और उनकी और चीफ जस्टिस की सैलरी और पेंशन में क्या अंतर होता है? आइए जानते हैं...
आखिर क्या है यह इच्छामृत्यु का केस, आखिर क्यों दशकों तक अरुणा शानबाग को करना पड़ा इंतजार, आइये विस्तार से जानते है क्या था पूरा मामला।
यदि कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा या हित के खिलाफ किसी भी कार्य में शामिल पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध Official Secret Act, 1923 के तहत कार्यवाही किये जानें का प्रावधान है.
जब भी हमें वित्तिय रुप से धन की आवश्कता होती है, तो हम हमारे संपत्ति को गिरवी रख देते है और कुछ धनराशि प्राप्त कर लेते है जिससे कि कुछ समय के लिए हमें हमारे जीवन में एक ठहराव मिल जाता है ।
हालांकि एक नाबालिग द्वारा किया गया करार, शून्य (Void) अवश्य है, लेकिन ऐसा करार अवैध (Illegal) नहीं है, क्योंकि इसको लेकर कोई कानूनी प्रावधान मौजूद नहीं है।
जो करार विधिताः प्रवर्तनीय हो संविदा है। बहुत छोटे में संविदा की यहां पर परिभाषा बताई गयी है। जहां स्पष्ट यह कह दिया गया है कोई भी करार जो विधि द्वारा प्रवर्तनीय यानी जिसे न्यायालय में जाकर लागू कराया जा सकता हो, ऐसा करार संविदा होता है।
संविधान में संपत्ति हस्तांतरण हेतु प्रावधान है लेकिन यदि किसी कपल के अपने बच्चे नहीं हैं और उन्होंने बच्चे गोद लिए हैं तो उन अडॉप्टेड बच्चों का अपने माता-पिता की संपत्ति पर क्या अधिकार है, आइए जानते हैं क्या कहता है कानून.
क्या देश में 'एज ऑफ कन्सेंट' और 'एज ऑफ मैरिज' अलग होनी चाहिए? इससे जुड़ा एक मामला बंबई उच्च न्यायालय में आया जहां उन्होंने इसपर अपने विचार व्यक्त किये हैं.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पहले 'एडिश्नल जज' बनते हैं और बाद में 'कन्फर्म्ड या पर्मानेंट जज'। जानिए कि एक एडिश्नल और कन्फर्म्ड जज के पद और न्यायिक शक्तियों में क्या अंतर है.
आम आदमी के साथ-साथ यदि कोई अधिवक्ता या न्यायाधीश भी 'न्यायालय की अवमानना' करता है, तो उसे भी इस कानून के तहत सजा मिलती है। जानिए न्यायाधीश सी एस कर्णन के बारे में, जिनके खिलाफ सिटिंग जज रहते हुए 'कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट' की कार्रवाई हुई.
भारतीय संविधान में न्यायिक समीक्षा शब्द का प्रयोग कहीं भी नहीं किया गया है लेकिन अनुच्छेद 13 के तहत सुप्रीम कोर्ट को यह शक्ति दी गई है कि वह कानूनों की समीक्षा कर सकता है.
भारत निर्वाचन आयोग यानी चुनाव आयोग (Election Commission of India) भारतीय संविधान के तहत संसद और राज्यों के विधान सभा और विधान मंडल तथा राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के पदों के निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया का संचालन और नियंत्रण भी संभालता है।
इसका मुख्य लक्ष्य न्याय कि भावना को जगाना है और यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जिसने निष्पक्ष सुनवाई के अभिन्न अंग के रूप में समय पर न्याय के महत्व पर प्रकाश डाला, इस प्रकार अनुच्छेद 21 का दायरा बढ़ाया।
आज भारत में सिविल और क्रिमिनल मामलों के निपटारे के लिए निचली अदालत, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय की सुविधा है। जानिए कि स्वतंत्रता से पहले, भारत में आपराधिक मामलों का निपटारा किस तरह होता था, 1947 से पहले भारत में न्यायिक व्यवस्था कैसी थी...
यह 9 न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा दिया गया एक भारतीय ऐतिहासिक जनहित याचिका का मामला था जिसने न केवल पिछड़े वर्ग के लोगों को उनका अधिकार दिलाया बल्कि देश के इतिहास में एक मील का पत्थर भी साबित हुआ. आइये जानते है विस्तार से।
स्कूल में यदि बच्चों को ज्यादा होमवर्क दिया जा रहा है या फिर उन्हें क्लास में अध्यापक से प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है तो क्या यह सब पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा? कर्नाटक में पुलिस में एक ऐसा ही मामला दर्ज कराया गया है...