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ट्रेन में अपनी अगली यात्रा करने से पहले जानिये Indian Railways के ये नियम

पिछले कुछ वर्षों में, Indian Railways ने नियमित रूप से सुरक्षा मानदंडों का पालन करने के अलावा, सुरक्षा मानकों को बढ़ाने और नवीनतम तकनीक के उपयोग के लिए अपनी जनशक्ति को प्रशिक्षण देकर कई कदम उठाए हैं. साथ ही यात्रियों के सुरक्षा और सुविधा के लिए भी कई प्रावधान किए हैं.

Written by My Lord Team |Published : March 29, 2023 11:52 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे, जिसकी परिचालन मार्ग की लंबाई देश भर में 68,000 किमी से अधिक है, दुनिया में चौथा सबसे लंबा रेल नेटवर्क माना जाता है. हमारे देश में रेल आम जनता के लिए सबसे सुविधाजनक यात्रा प्रदान करता है और इसमें यात्रा करना अधिकतम वर्गों के जेब के अनुकूल होता है.

इस सुविधाजनक यात्रा को और आरामदायक व सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रेलवे के कुछ विशेष नियम हैं, जिन्हें आपको जानना जरूरी है. जानिए रेलवे के ये सात नियम-

चलती ट्रेन में अलार्म की चेन खींचना

यदि आपने ट्रेन में यात्रा की है, तो इस बात की बहुत संभावना है कि आपने प्रत्येक कोच के दरवाजों के पास 'आपातकालीन अलार्म' (Emergency Alarm) चेन देखी होगी. कई बार बदमाशी में या स्टेशन से पहले उतरने के लिए लोग यह चेन खींच देते हैं, लेकिन आपको बता दें कि इस तरह बीना आपातकाल के चेन खींचने पर आपको सजा हो सकती है.

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भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 141 के तहत, बिना किसी सही कारण के ट्रेन में अलार्म चेन खींचना एक दंडनीय अपराध है. इसके लिए आपको एक साल तक की जेल और 1000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों लग सकते हैं. यह नियम स्पष्ट करता है कि- चिकित्सा आपात स्थिति, यात्री सुरक्षा के लिए खतरा, दुर्घटना, या यदि कोई बच्चा, बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति, या साथी छूट गया हो तब ही इस चेन को खींचें.

यात्रा के दौरान आप अपनी यात्रा को बढ़ा सकते हैं

कई बार ऐसा होता है कि पीक सीजन के दौरान टिकट उपलब्ध न होने पर किसी यात्री को अपने मूल गंतव्य के लिए समय पर आरक्षण नहीं मिल पाता है. हालाँकि, भारतीय रेलवे ने आपको ऐसी समस्या से बचाने के लिए एक विकल्प नियम बनाया है. यदि आपको पहले गंतव्य के लिए टिकट मिल जाता है तो आप वास्तविक से पहले गंतव्य के लिए टिकट बुक कर सकते हैं.

उसके बाद, आप यात्रा के दौरान TTE के पास जाकर, अतिरिक्त किराया देकर यात्रा को बढ़ा सकते हैं. इसके बदले में TTE आपके आगे की यात्रा के लिए टिकट जारी कर सकता है. हालांकि यह संभव है आपको अलग सीट दी जाए.

मध्य बर्थ (Middle berth) नियम

Middle berth यानी बीच वाली बर्थ, जो ऊपर और नीचे की बर्थ के बीच में होती हैं. इस मध्य बर्थ को सीलिंग से नीचे मोड़ने की जरूरत होती है. रेलवे के नियमानुसार, मिडिल बर्थ वाले यात्री केवल रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही मिडिल बर्थ खोल सकते हैं और दिन के दौरान इस बर्थ को नहीं खोल सकते क्योंकि lower और upper बर्थ को सीट के रूप में बैठने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

इसके अलावा मिडिल बर्थ को खोलने से पहले निचली बर्थ वाले को 3 बार सूचना देनी होती है. अगर कोई इस नियम को उल्लंघन करता है तो आप TTE से शिकायत कर सकते हैं.

ट्रेन छूटने की स्थिति में दो-स्टॉप नियम

अक्सर, ऐसा देखने को मिलता है, जब कोई यात्री अपने मूल स्टॉप (बोर्डिंग स्टेशन) से ट्रेन में चढ़ने से (बोर्ड करने से) चूक जाते हैं. ऐसे में यात्रियों को उचित मौका देने के लिए टू-स्टॉप नियम बनाया गया है, जिसके तहत टिकट कलेक्टर (TTE) उस सीट को अगले दो स्टॉप् तक किसी अन्य यात्री को स्थानांतरित नहीं कर सकता है.

रात 10 बजे के बाद यात्रियों को परेशान नहीं कर सकते

कई बार हम ट्रेन से लंबी यात्रा तय कर रहे होते हैं, और इस यात्रा के सुखद होने के लिए आवश्यक है कि यात्रा के दौरान यात्रियों को परेशान न किया जाए. सामान्य तौर पर रात 10 बजे तक सोने का समय होता है इसलिए रेलवे का एक नियम यह भी है कि यात्रियों को 10 बजे के बाद परेशान नहीं किया जा सकता है. अत: TTE को भी निर्धारित समय से पहले टिकट की जांच करने की आवश्यकता होती है.

इसके अलावा यात्रियों के आराम को ध्यान में रखते हुए कोच में रात की रोशनी को छोड़कर सभी लाइट को बंद करना आवश्यक होता है. इसी कारण से ट्रेनों में परोसा जाने वाला खाना भी रात 10 बजे के बाद नहीं परोसा जा सकता है.

ट्रेन में बिकने वाले पैकेज्ड फूड आइटम की कीमत तय

यदि आपने हवाई जहाज से यात्रा की है, तो आपने देखा होगा कि पैकेज्ड फूड आइटम की कीमत अक्सर उनके वास्तविक MRP की तुलना में अधिक होती हैं. हालांकि, ट्रेनों में ऐसा नहीं होता. शासन निकाय ने ट्रेनों में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों जैसे स्नैक्स (Snacks), भोजन और पेय पदार्थों के मूल्य निर्धारण के संबंध में नियम बनाए हैं, ताकि यात्रियों से अधिक शुल्क न लिया जाए. इसके साथ ही बेचे जाने वाले आइटम कुछ गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हों.

यदि कोई वेंडर (vendor) इस तरह के अनैतिक आचरण करता पाया जाता है, तो आप उसकी शिकायत कर सकते हैं. ऐसा करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है या उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.

ट्रेन में तेज आवाज करने से बचें

ट्रेन में सभी यात्रियों से अपेक्षा की जाती है कि वे शोर ना करें और बाकी यात्री आराम से सो सकें. रेलवे के नियमों में यह भी शामिल है कि यदि आप अपने फ़ोन या किसी अन्य डिवाइस पर कोई वीडियो देख रहे हैं या संगीत सुन रहे हैं या फ़ोन कॉल पर हैं, तो आप आवाज़ (volume) कम रखें अथवा हेडफोन(Headphones) या ईयरफोन(Earphones) का उपयोग करें.

इस नियम को बनाने का कारण था भारतीय रेलवे को लोगों के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं जिनके कारण अन्य यात्रियों को परेशानी हुई.

आपको बता दें, ऑन-बोर्ड ट्रैवलिंग TTE, कैटरिंग स्टाफ और अन्य रेलवे कर्मियों को आमतौर पर नियमों का पालन करने में लोगों का मार्गदर्शन करने का काम सौंपा जाता है. किसी परेशानी में आप उनकी मदद ले सकते हैं.