कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT 2024) काउंसलिंग के लिए चयनित छात्रों की तीसरी सूची पहले ही जारी हो चुका है. वहीं, चयनित छात्रों को नामांकन सीट बुक कराने की आखिरी तारीख कल 25 जनवरी, 2024 है.
परीक्षा में चयनित छात्र सीट आवंटन की तीसरी सूची अधिकारिक बेवसाइट consortiumofnlus.ac.in पर देख सकते हैं.
काउंसलिंग में भाग लेने वाले छात्रों को एडमिशन के लिए अपना पंजीकरण शुल्क (Registration fee) जमा कराने की आखिरी तारीख 25 जनवरी है. सामान्य वर्ग (General Category) के लिए यह शुल्क 30,000 रुपये. वहीं, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लिए पंजीकरण शुल्क 20,000 रुपये हैं.
काउंसिलिंग के दौरान छात्रों को अपने डाक्यूमेंटस जांच कराने होंगे. जो ये हैं:
सीएलएटी (CLAT) भारत में 22 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है. इस परीक्षा के आए नंबरों के आधार पर ही छात्रों को लॉ कॉलेज मिलते हैं. वहीं, कई भारतीय कंपनियां जैसे कोल इंडिया, ओएनजीसी, बीएचईएल, द इंडियन स्टील ऑथरिटी, ऑयल इंडिया आदि अपने कानूनी पदों पर छात्रों का चयन CLAT पोस्टग्रेजुएट परीक्षा के स्कोर कार्ड के आधार पर करती है.
सीएलएटी (CLAT) ने साल, 2023 में यूजी परीक्षा के प्रश्नों की संख्या 150 से घटाकर 120 कर दिया. वहीं, सिलेबस और परीक्षा के समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किए. साथ ही CLAT पीजी परीक्षा में कोई बदलाव नहीं हुआ.
सीएलएटी (CLAT) की परीक्षा में अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान, कानूनी तर्क, तार्किक विचार से सवाल पूछे जाते हैं.
अंग्रेजी (English)
अंग्रेजी में एक पैसेज आता है, जो छात्रों से इस भाषा की समझ को जांच करने के लिए दिया जाता है.
सामान्य ज्ञान (Current Affairs)
सिलेबस में सामान्य ज्ञान से सवाल भी आते हैं, जो छात्रों की कला और संस्कृति, अंतर्राष्ट्रीय मामलों, ऐतिहासिक घटनाओं और उनके महत्व, और भारत और दुनिया के महत्व की समसामयिक घटनाओं को लेकर जागरूकता की जांच करते हैं.
कानूनी तर्क (Legal Reasoning)
इसमें अंग्रेजी के जैसे ही लगभग 450 शब्दों के पैसेज पूछा जाता है. ये पैसेज कानूनी मामलों, सार्वजनिक नीति सवालों या नैतिक दार्शनिक पूछताछ से जुड़े "तथ्य स्थितियों या परिदृश्यों" से जुड़े रहते हैं.
तार्किक विचार (Logical Reasoning)
लॉजिकल रीजनिंग में एक पैसेज पूछा जाता है, जो किसी एक तर्क और उसके आधार पर निष्कर्ष की पहचान करने पर आधारित होता है.
हाल ही में, सीएलएटी ने यूजी परीक्षा में प्रश्नों की संख्या को कम किया था, लेकिन सिलेबस और एंट्रेंस परीक्षा की समय-सीमा में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया.